चीन ने अमेरिका के लिए अपनाई जैसे को तैसा की नीति, कुछ सिनेटर्स पर लगाया बैन

चीन ने अमेरिका के सांसदों पर प्रतिबंध लगाकर बता दिया है कि वो भी उसकी ही नीति पर चलना बखूबी जानता है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 10:11 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 01:59 AM (IST)
चीन ने अमेरिका के लिए अपनाई जैसे को तैसा की नीति, कुछ सिनेटर्स पर लगाया बैन
चीन ने अमेरिका के लिए अपनाई जैसे को तैसा की नीति, कुछ सिनेटर्स पर लगाया बैन

बीजिंग (रॉयटर्स)। अमेरिका द्वारा चीन के चार राजनेताओं के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध के बाद अब चीन ने भी टिट फॉर टैट की नीति अपनाई है। इसके तहत चीन ने वही कदम उठाया है जो अमेरिका ने उठाया है। चीन ने अमेरिकी सीनेटर्स मार्को रुबिओ और टेड क्रूज के अलावा धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी राजदूत सैम ब्राउनबैक तथा क्रिस स्मिथ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का एलान कर दिया है। चीन ने यह प्रतिबंध अल्पसंख्यक समूहों और लोगों के पंथ के प्रति सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों की उनकी आलोचना को लेकर लगाया है। इसकी जानकारी देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाइयों से चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।

उन्‍होंने ये भी कहा कि चीन इसे अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की तरह देखता है। अपने बयान में चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कर दिया गया कि चीन इसके खिलाफ अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता बनाए रखने के लिए दृढ़ है। हुआ ने साफ कर दिया है कि कहा कि चीन आगे भी अमेरिकी प्रतिक्रिया के मुताबिक ही कदम उठाएगा। हालांकि अमेरिका या चीन की तरफ से ये नहीं कहा गया है कि जिनेसिनेटर्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनकी कोई चीन की यात्रा की योजना थी भी या नहीं।

आपको बता दें कि अमेरिका ने न के जिन चार राजनेताओं पर प्रतिबंध लगाए थे उनमें चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े चेन कुआंगू, झु हाइलुन और वांग मिंगशान का नाम भी शामिल था। अमेरिकी प्रतिबंधों में उनके अमेरिका में घुसने पर पाबंदी लगाई गई थी। चेन चीन के प्रभावशाली पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं। अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित किए गए चेन अब तक के सर्वोच्च रैंक वाले चीनी अधिकारी हैं। चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध अमेरिका के ग्लोबल मैग्निट्स्की एक्ट के तहत लगाए गए हैं। इस कानून के तहत अमेरिकी सरकार दुनियाभर में मानवाधिकारों का हनन करने वालों पर कार्रवाई करती है। ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगने के बाद इनकी अमेरिका में प्रवेश और इनके साथ कारोबार पर रोक होती है। अमेरिका में इनकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाती है। चेन के अलावा शिनजियांग की विधायी संस्था पीपुल्स कांग्रेस के उप सचिव झू हैलुन और शिनजिंयाग के लोक सुरक्षा ब्यूरो के निदेशक वांग मिंगशान पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

इन प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका सख्‍त कार्रवाई कर रहा है।यहां पर ओपको ये भी बता दें कि बीते कुछ समय से चीन और अमेरिका के बीच हांगकांग समेत कई अन्‍य मुद्दों पर जबरदस्‍त और तीखी बयानबाजी हुई है। चीन की तरफ से साफ कर दिया गया है कि हांगकांग उसका आंतरिक मसला है इसलिए किसी भी देश को इस बारे में कुछ कहने का कोई अर्थ नहीं है। वहीं अमेरिका, समेत ब्रिटेन और आस्‍ट्रेलिया लगातार हांगकांग के मुद्दे को तूल दे रहे हैं। इसके अलावा दोनों देशो के बीच व्‍यापार युद्ध भी छिड़ा हुआ है।

दरअसल चीन के शिनजियांग प्रांत में चीन ने पिछले वर्ष वहां पर रहने वाले उइगर मुस्लिमों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया था उसको लेकर पूरी दुनिया में उसकी काफी किरकिरी हुई थी। चीन ने उइगरों की मस्जिदों को नष्‍ट कर दिया था और उस पर आरोप है कि उसने कई डिटेंशन कैंपों में उइगर समुदाय के हजारों लोगों को हिरासत में लेकर रखा है। चीन की सरकार इस समुदाय के लोगों का ने इन पर तमाम पाबंदियां लगा रखी हैं। इनकी निगरानी भी की जाती है।

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