चीन की तालिबान से सामने आई हमदर्दी, कहा- अफगानिस्तान की संपत्ति से प्रतिबंध हटाए अमेरिका

एक बार फिर चीन की हमदर्दी सामने आई है। चीन ने बुधवार को तालिबान की इस मांग का समर्थन किया कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति को अनफ्रीज करना चाहिए। चीन ने कहा कि अमेरिका के पास ऐसा करने का कोई वैध कारण नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:14 PM (IST)
चीन की तालिबान से सामने आई हमदर्दी, कहा- अफगानिस्तान की संपत्ति से प्रतिबंध हटाए अमेरिका
एक बार फिर चीन की हमदर्दी सामने आई है।

 बीजिंग, प्रेट्र। एक बार फिर चीन की हमदर्दी सामने आई है। चीन ने बुधवार को तालिबान की इस मांग का समर्थन किया कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति को अनफ्रीज करना चाहिए। चीन ने कहा कि अमेरिका के पास ऐसा करने का कोई वैध कारण नहीं है। काबुल में चीनी दूत ने अफगानिस्‍तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की और अंतरिम सरकार के लिए बधाई दी। वाशिंगटन की रिपोर्टों के अनुसार, 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जे के बाद तालिबान को नकदी और संपत्‍ति तक पहुंचने से रोकने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक से संबंधित लगभग 9.5 बिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति को फ्रीज कर दिया था और काबुल में नकदी की खेप पर रोक लगा दिया था।

चीन के प्रवक्‍ता ने अमेरिका की निंदा की

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका के पास अफगानिस्तान की संपत्ति को जब्त करने का कोई वैध कारण नहीं है। तालिबान की मांग के बारे में पूछे जाने पर कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति को यह कहते हुए अनफ्रीज कर देना चाहिए कि वह अफगानिस्तान के लोगों से संबंधित हैं और अंतरिम सरकार धन जारी करने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगी, झाओ ने कहा कि मुझे लगता है कि यह (तालिबान के) प्रवक्ता का अधिकार है। यह संपत्ति अफगान लोगों की है। उन्होंने कहा, 'उन्हें (अमेरिका को) अफगान लोगों के वैध अनुरोधों का जवाब देना चाहिए और प्रतिबंधों की गलत प्रथा को रोकना चाहिए। अफगानिस्तान की शांति और पुनर्निर्माण में बाधा डालना बंद करना चाहिए।

अफगानिस्‍तान की अर्थव्यवस्था चरमराई

पिछले महीने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने युद्धग्रस्त देश को अपनी सहायता रोक दी, जो काफी हद तक विदेशी धन के प्रवाह पर निर्भर करता है। काबुल की रिपोर्टों के अनुसार, इसके बाद अफगानिस्‍तान की अर्थव्यवस्था लगभग चरमरा गई है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने भोजन और आवश्यक आपूर्ति में तेजी लाने के वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए बहुत प्रयास किए हैं।

इस बीच, तालिबान की नई अंतरिम सरकार को बढ़ावा देने के लिए, जिसने अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने के लिए संघर्ष करन पड़ रहा है क्योंकि एक समावेशी सरकार बनाने के अपने वादे के विपरीत इसमें मुख्य रूप से तालिबान नेता शामिल हैं। काबुल में चीन के राजदूत वांग यू ने मंगलवार को कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी से मुलाकात की। .

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने एक ट्वीट में कहा कि बुधवार दोपहर को नई अफगान सरकार के इस्लामी अमीरात के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी ने काबुल में पड़ोसी चीन के राजदूत वांग यू से मुलाकात की। रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी तास ने नईम के हवाले से कहा कि वांग ने यह भी वादा किया कि चीन अफगानिस्तान के साथ अपने मानवीय, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को जारी रखेगा। नईम ने कहा, मुत्ताकी ने चीन को उसकी सहायता के लिए धन्यवाद दिया। काबुल से आई खबरों में कहा गया है कि काबुल में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने भी मुत्ताकी से मुलाकात की। अभी काबुल में पाकिस्तान और रूस के साथ चीन ने अपने दूतावास खुले रखे हैं।

चीन के सरकारी सीजीटीएन-टीवी ने बताया कि वांग ने मुत्ताकी के साथ अपनी बैठक में चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अफगान पक्ष के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और अफगान लोगों को अपना विकास पथ चुनने का समर्थन करता है।

मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर, प्रवक्ता झाओ ने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि अफगानिस्तान में चीन का दूतावास सामान्य रूप से काम कर रहा है। हम अफगानिस्तान में नई सरकार के साथ संचार व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए तैयार हैं।

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