चीन के चंगुल में नेपाल, तिब्बत से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क बनाएगा ड्रैगन, वार्ता में बनी सहमति

चीन तिब्बत से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क के निर्माण कार्य में मदद करेगा। यही नहीं चीन और नेपाल हित वाले सभी मसलों को सुलझाने में एक-दूसरे का समर्थन करेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 04:31 AM (IST)
चीन के चंगुल में नेपाल, तिब्बत से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क बनाएगा ड्रैगन, वार्ता में बनी सहमति
चीन के चंगुल में नेपाल, तिब्बत से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क बनाएगा ड्रैगन, वार्ता में बनी सहमति

बीजिंग, पीटीआइ। चीन अपनी आर्थि‍क ताकत की बदौलत भारत के पड़ोसियों को धीरे धीरे अपने चंगुल में लेना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की वार्षिक बैठक में यह तय हुआ है कि चीन तिब्बत के जिलोंग से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क के निर्माण कार्य में मदद करेगा। यही नहीं चीन और नेपाल हित वाले सभी मसलों और बड़ी समस्याओं को सुलझाने में एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। यह जानकारी चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई 13 चक्र की कूटनीतिक वार्ता में चीन की ओर से वहां के उप विदेश मंत्री ल्यूओ झाओहुई और नेपाल की ओर विदेश सचिव शंकर दास बैरागी ने भाग लिया।

वन बेल्ट-वन रोड के चलते संबंध हुए मजबूत

दोनों देशों के बीच हुए इस फैसले से पता चलता है कि नेपाल सरकार में किस तरह से चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। इसी के चलते चीन अपने समर्थक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्ता में बनाए रखने के लिए कूटनीतिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की अंतर्कलह को सुलझाने तक का प्रयास कर रहा है। वार्ता में ल्यूओ ने कहा, दोनों देशों के संबंधों में प्रगाढ़ता तब आई जब 2019 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नेपाल की यात्रा की। इसके बाद वन बेल्ट-वन रोड अभियान से नेपाल के जुड़ने और कोविड महामारी से दोनों देशों के साथ मुकाबला करने से ये संबंध और मजबूत हुए।

एक दूसरे का साथ देने का वादा

चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों ने प्रमुख मसलों और बड़ी समस्याओं पर एक-दूसरे का साथ देने का फैसला किया है। इसी सहयोग से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसले भी सुलझाए जाएंगे। दोनों देशों का सहयोग रक्षा, विकास, संपर्क, कानून व्यवस्था के पालन, परस्पर मेलमिलाप और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिये मजबूत किया जाएगा। इस सिलसिले में चीन तिब्बत होते हुए नेपाल से सड़क संपर्क विकसित करेगा।

तिब्‍बत से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क बनाएगा चीन

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि तिब्बत के जिलोंग से काठमांडू तक सुरंग वाली सड़क के निर्माण पर कार्य होगा। नेपाल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। यातायात बढ़ाने के लिए चीन नेपाल में तीन कॉरीडोर का निर्माण करेगा। साथ ही विद्युत व्यवस्था के विकास के लिए दोनों देश मिलकर कार्य करेंगे। हाल ही में चीन के एक सरकारी अखबार में लिखे अपने लेख में चीन में नेपाल के राजदूत महेंद्र बहादुर पाण्डेय ने कई बड़ी परियोजनाओं पर वार्ता का उल्लेख किया था। ये परियोजनाएं चीन के सहयोग से नेपाल में पूरी की जाएंगी।

स्‍वतंत्र देशों को अपने जाल में फंसा रहा चीन

ब्रिटेन के प्रभावशाली सांसद इयान डन स्मिथ (Iain Duncan Smith) ने चीन की पोल खोलते हुए कहा है कि शी चिनफ‍िंग (Xi Jinping) के नेतृत्व में दुनिया पर हावी होने की अपनी मंशा उजागर कर दी है। चीन अपनी महत्‍वाकांक्षा को अंजाम देने के लिए भूभाग के स्‍वतंत्र देशों को अपने कर्ज जाल में उलझा कर खुद पर आश्रृत बना रहा है। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि चीन पर दुनिया के लोकतंत्रों की खतरनाक रणनीतिक निर्भरता को नाकाम करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विस्‍तार पढ़ने के लिए क्लिक करें यह लिंक- चीन पर देशों की 'निर्भरता' को नाकाम कर सकता है भारत

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