चीन और नाटो प्रमुख ने अफगानिस्तान स्थिति पर की चर्चा, इन मुद्दों पर भी बनी सहमति

चीन के शीर्ष राजनयिक ने क्षेत्रीय नीतियों को लेकर बीजिंग और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए नाटो प्रमुख के साथ वर्चुअल बैठक की।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:21 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 02:21 PM (IST)
चीन और नाटो प्रमुख ने अफगानिस्तान स्थिति पर की चर्चा, इन मुद्दों पर भी बनी सहमति
चीन और नाटो प्रमुख ने अफगानिस्तान स्थिति पर की चर्चा, इन मुद्दों पर भी बनी सहमति

बीजिंग, एपी। चीन और नाटों के अधिकारियों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की है। चीन के शीर्ष राजनयिक ने क्षेत्रीय नीतियों को लेकर बीजिंग और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए नाटो प्रमुख के साथ वर्चुअल बैठक की।

चर्चा रही सकारात्मक

चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में हुई चर्चा सकारात्मक रही है। बयान के अनुसार, विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) और नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने पिछले दिन साझा चिंता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह जानकारी दी। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने इस वार्ता के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है।

इन मुद्दों पर चीन और नाटों में बनी सहमति

बता दें कि बीजिंग ने लंबे समय से अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो बलों की उपस्थिति का विरोध किया है। बीजिंग की तरफ से दो अधिकारी ने बताया कि चीन और नाटो के बीच आतंकवाद, समुद्री डकैती, साइबर सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना सहित कई मुद्दों पर व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सहमति बनी है।

उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक नई टीम को साथ कोरोना की उत्पत्ति की दोबारा जांच शुरू करने जा रहा है। इसके लिए 20 विज्ञानियों की नई टीम बनाई गई है, जो चीन और अन्य जगहों की जांच करेगी। इस नए जांच दल के जरिए डब्ल्यूएचओ कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। इस टीम में प्रयोगशाला सुरक्षा, जैव सुरक्षा के विशेषज्ञ, आनुवंशिकीविद् और पशु-रोग विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस बात से वाकिफ हैं कि वायरस प्रकृति से कैसे फैलते हैं।

वाल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि ये दल चीन और अन्य जगहों पर नए सबूतों की तलाश करेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ-चीन की एक संयुक्त जांच टीम ने इस साल मार्च में इन संभावना को खारिज कर दिया था कि वायरस किसी प्रयोगशाला से बाहर आया था।

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