100 years of Marxism: चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना का शताब्दी समारोह, कई इलाकों में जाने पर लगी रोक
चीन ने 100 साल से मार्क्सवाद को जिंदा रखा है। चीन अब पूरे विश्व में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है और कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग विकास के लिए नित नए मानदंड तय कर रहे हैं।
बीजिंग, एपी। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के शताब्दी समारोह को भव्य रूप से मनाया जा रहा है। इसके तहत कई आयोजन गोपनीय तरीके से किए जा रहे हैं और उनकी तैयारियों के सिलसिले में कई इलाकों में आवाजाही रोक दी गई है। ऐसा ही एक इलाका थ्यानमेन चौक का है। यह वह चौक है जो देश-विदेश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बुधवार को इस चौक की ओर जाने वाले रास्तों को रोक दिया गया। यह रुकावट दो जुलाई तक बनी रहेगी।
थ्यानमेन चौक पर आयोजित होगा समारोह
इस चौक पर आयोजित होने वाले समारोह के लिए पीले रंग की कुर्सियों की कतारें लगाई जा रही हैं और बड़ी-बड़ी मशीनों से इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी चौक के नजदीक चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ त्से तुंग की समाधि है।
सरकार ने कई इलाकों में जाने पर लगाई रोक
समारोह में पार्टी अपने स्थापना काल, गृहयुद्ध की स्थितियों से लेकर देश के महाशक्ति बनने तक के सफर की झांकी प्रस्तुत करेगी। थ्यानमेन चौक की तरह पूर्व शासकों के महलों और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले रास्ते भी रोक दिए गए हैं।
पार्टी की स्थापना दिवस के चलते पूरे देश में लगाए गए उपलब्धियों का बखान करते होर्डिंग
कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के सिलसिले में पूरे देश में होर्डिंग लगाए गए हैं और उपलब्धियों का बखान किया गया है। समारोहों के सिलसिले में पुलिस और अर्धसैनिकों बलों की तैनाती भी की गई है। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1921 में हुई थी। इसकी पहली बैठक शंघाई के गर्ल्स स्कूल में हुई थी।
माओ के निधन के बाद देश सुधारों की ओर बढ़ा
1949 में कम्युनिस्ट पार्टी ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का गठन कर वहां की सत्ता संभाल ली। इसी के बाद तिब्बत पर कब्जा किया गया और ताइवान को लेकर साजिश रची गई। 1976 में माओ के निधन के बाद देश सुधारों की ओर बढ़ा। बीसवीं सदी के आखिरी दशक में चीन ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
चीन ने 100 साल से मार्क्सवाद को जिंदा रखा
कम्युनिस्ट पार्टी की इतिहास और साहित्य शाखा के उप निदेशक झांग शी के मुताबिक चीन ने 100 साल से मार्क्सवाद को जिंदा रखा है। सोवियत संघ में मिखाइल गोर्बाचोव ने लोकतांत्रिक समाजवाद और बहुलतावादी व्यवस्था की परिकल्पना पर कार्य शुरू किया था, लेकिन वह विफल रहा।
चीन अब पूरे विश्व में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है
चीन अब पूरे विश्व में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है और कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग विकास के लिए नित नए मानदंड तय कर रहे हैं।