वैश्विक इंटरनेट डाटा को लेकर चीन की महत्वाकांक्षी योजना, राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में एकाधिकार की मंशा

चीन और अमेरिका के बीच डाटा तनाव का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। दोनों ही देशों को यह डर सता रहा है कि प्राइवेट कंपनियों द्वारा अवैध तौर से संग्रहित किया जा रहा डेटा उनकी राष्ट्रिय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

By Amit KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 04:05 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 04:05 PM (IST)
वैश्विक इंटरनेट डाटा को लेकर चीन की महत्वाकांक्षी योजना, राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में एकाधिकार की मंशा
वैश्विक इंटरनेट डाटा को लेकर चीन की महत्वकांक्षी योजना। फाइल फोटो।

बीजिंग, रॉयटर्स: चीन इंटरनेट की दुनिया में डाटा सिक्योरिटी को लेकर लगातार सख्त रवैया अपनाए हुए। जिसने कई दिग्गजों को अपने भविष्य को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है। बीते दिनों डाटा पॉलिसी का उल्लंघन करने पर चीन ने दीदी ग्लोबल इंक द्वारा संचालित 25 मोबाइल एप्स को एप स्टोर से हटा दिया था। उनपर अवैध तौर से जमा किए गए डाटा को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। ये कार्रवाई एक व्यापक राष्ट्रीय परियोजना का हिस्सा है।

इंटरनेट डाटा पर अमेरिका से तनाव

चीनी सरकार की यह योजना बीते कई वर्षों से चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ वक्त में इसने गति पकड़ी है। इस योजना को आने वाले वक्त में देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के मकसद से बनाया गया है, लेकिन आशंका है की इस योजना के चलते चीन की इंटरनेट इंडस्ट्री विश्व में अलग-थलग पड़ जाएगी और वाशिंगटन के साथ तनाव भी बढ़ सकता है। चीन और अमेरिका के बीच डाटा तनाव का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। दोनों ही देशों को यह डर सता रहा है कि, प्राइवेट कंपनियों द्वारा अवैध तौर से संग्रहित किया जा रहा डेटा, उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। चीन सितंबर के महीने में डेटा सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी कर रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद जरूरी हो जाएगा की जो कंपनियां "महत्वपूर्ण डेटा" संसाधित करती हैं, वो जोखिम का मूल्यांकन कर उसकी रिपोर्ट जमा करें। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले डाटा, को संसाधित करने वाले संगठनों को वार्षिक समीक्षा के लिए प्रस्तुत करना होगा।

व्यापक रणनीतिक योजना

विशेषज्ञों का ऐसा अनुमान है की, राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर डाटा पर नियंत्रण हासिल करने के चीन का प्रयास सोची समझी योजना है। आशंका है की, इसके पीछे चीन का मंसूबा है की सभी तरह के डाटा का वो मुख्य केंद्र बने। जिसमें सरकारी डाटा के साथ प्राइवेट कंपनियों द्वारा जमा किया गया डाटा शामिल होगा। इस तरह की जानकारी में किसी भी तरह का डाटा शामिल हो सकता है, जिसमें स्वास्थ्य रिकॉर्ड और अदालती दस्तावेजों से लेकर नक्शे और खरीदारी का इतिहास सब कुछ शामिल हो सकता है।

यूजर्स का डाटा सार्वजनिक संसाधन!

चीन की इस योजना के लिए एक बड़े नौकरशाही प्रयास की आवश्यकता होगी, ताकी डाटा को उसकी कैटगरी के हिसाब से अलग करके सुरक्षित किया जा सके। चीन इंटरनेट सूचना केंद्र ने बीते दिनों कहा था की, इंटरनेट सर्विस से बड़ी तादाद में जमा किया गया यूजर्स का डाटा सार्वजनिक संसाधन है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। राज्य-नियंत्रित डेटा बाज़ार की योजनाएं वर्षों से काम कर रही हैं। एक बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नीति निर्माताओं से वैश्विक डेटा शासन पर शोध करने और एक चीनी योजना का प्रस्ताव करने का आग्रह किया था।

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