अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबान से सशंकित चीन बोला, आतंकी संगठनों से तोड़ो सारे रिश्ते

अमेरिकी सेना के जाने के बाद चीन तालिबान को ऊपरी तौर पर बेशक खुला समर्थन दे रहा है लेकिन अंदर से वह सशंकित भी है। उसने तालिबान को नसीहत दी है कि यदि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करनी है तो सभी आतंकी संगठनों से संबंधों तोड़ दे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 07:06 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 08:55 PM (IST)
अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबान से सशंकित चीन बोला, आतंकी संगठनों से तोड़ो सारे रिश्ते
चीन तालिबान को लेकर अंदर से सशंकित भी है

 बीजिंग, प्रेट्र। अमेरिकी सेना के जाने के बाद चीन तालिबान को ऊपरी तौर पर बेशक खुला समर्थन दे रहा है, लेकिन अंदर से वह सशंकित भी है। उसने तालिबान को नसीहत दी है कि यदि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करनी है, तो सभी आतंकी संगठनों से अपने हर तरह के संबंधों तोड़ दे। साथ ही जल्द से जल्द लचीले नियमों को अपनाते हुए एक समावेशी सरकार का गठन करे।

अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप की निंदा की

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकार वार्ता में पड़ोसी देशों में अमेरिका के सैन्य हस्तक्षेप की निंदा की। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में बेवजह सैन्य हस्तक्षेप का क्या अंजाम होता है, यह अमेरिका ने बीस साल अफगानिस्तान में रहने के बाद अच्छी तरह से देख लिया है।

मान्यता के लिए लचीली नीतियों के साथ समावेशी सरकार बनाएं चीन के अफगानिस्तान को मान्यता देने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम चाहते हैं कि तालिबान अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाए, जिसकी घरेलू और विदेशी नीतियों में लचीलापन हो। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने चीन यात्रा के दौरान यह वादा किया था कि उइगर मुस्लिम आतंकी ग्रुप ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को अफगानिस्तान की धरती से कोई गतिविधियां नहीं करने देंगे। तालिबान को यह वादा निभाना चाहिए।

चीन ने अफगानिस्तान की समस्या के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया

अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से वोटिंग के समय नदारत रहने वाले चीन ने युद्धग्रस्त देश में मची नई अफरा-तफरी के लिए अमेरिकी सेना की गलत तरीके से वापसी को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन के प्रतिनिधि ने बताया कि अफगानिस्तान में हाल की अफरा-तफरी के लिए विदेशी सेनाओं की गलत तरीके से वापसी किया जाना जिम्मेदार है। अफगानिस्तान को लेकर 13 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसमें रूस और चीन ने नदारत रहकर इसका विरोध किया है।

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