अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन से टकराया मलबा, रोबोटिक आर्म को पहुंचा नुकसान, कनाडा स्पेस एजेंसी ने दी जानकारी
अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूम रहा मलबा अब घातक साबित हो रहा है। कनाडा स्पेस एजेंसी के मुताबिक अंतरिक्ष में धरती के चक्कर लगा रहे स्पेस स्टेशन से इस मलबे की टक्कर हुई है। इसके बाद इसकी रोबोटिक आर्म को नुकसान पहुंचा है।
टोरंटो (रॉयटर्स)। अंतरिक्ष में घूम रहे स्पेस जंक या मलबा अब घातक बनता जा रहा है। इसकी एक बानगी उस वक्त दिखाई दी जब पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की रॉबोटिक आर्म से इस मलबे का एक टुकड़ा आकर टकरा गया। कनाडाई स्पेस एजेंसी ने इसकी जानकारी को साझा करते हुए कहा है कि मलबे के टकराने से स्पेस स्टेशन की रॉबोटिक आर्म को नुकसान पहुंचा है। इसको आसानी से देखा भी जा सकता है। स्पेस एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि मलबे का ये हिस्सा रॉबोटिक आर्म के थर्मल ब्लैंकेट से टकराया था, जिससे इसको नुकसान पहुंचा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिस रॉबोटिक आर्म को इस टक्कर से नुकसान पहुंचा है उसको कनाडा ने ही बनाया था। इसको स्पेस स्टेशन में बीस वर्ष पूरे हो गए हैं। 12 मार्च 2001 को पहली बार इसको स्पेस स्टेशन से जोड़ा गया था।
स्पेस एजेंसी के मुताबिक 12 मई को जब इसकी जांच की गई तो अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को इस घटना के बारे में पता चला था। हालांकि जांच के दौरान ये भी पता लगा कि इस टक्कर का इस रॉबोटिक आर्म पर कोई खास असर नहीं पड़ा है और ये सही तरीके से काम कर रही है। आपको बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूम रहे मलबे के करीब 27 हजार छोटे और बड़े टुकड़ों पर नजर रखती है। लेकिन मौजूदा मौजूदा टकराव के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इस निगरानी के बावजूद भी कई ऐसे टुकड़े हैं जिनको हम देख नहीं पा रहे हैं। लेकिन इन टुकड़ों से धरती के चक्कर लगाने वाले स्पेस स्टेशन और मानव निर्मित सेटेलाइट्स को जबरदस्त खतरा है।
जहां तक रॉबोटिक आर्म का सवाल है तो आपको बता दें कि ये इस स्टेशन के लिए बेहद खास है। ये रॉबोटिक आर्म धरती से भेजे गए कार्गो शटल या स्पेश शटल को पकड़ने का काम करती है। इसके अलवा ये अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को स्पेस वॉक के दौरान भी मदद करती है। इसको कनाडाई स्पेस प्रोग्राम के तहत बनाया गया था। अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूमने वाले ये टुकड़े नष्ट किए गए सेटेलाइट के टुकड़ों से लेकर एस्ट्रॉयड और दूसरी चीजों के भी हैं। धरती से लाखों किमी की दूरी पर स्थित एस्ट्रॉयड बेल्ट में चक्कर लगाने वाले एस्ट्रॉयड भी कभी कभी इससे निकलकर धरती की तरफ बढ़ने लगते हैं। ये भी कई बार धरती और अंतरिक्ष में चक्कर लगाने वाली मानव निर्मित चीजों के लिए खतरा बन जाते हैं। इस एस्ट्रॉयड बेल्ट में सेरेस नाम का एक डार्फ प्लानेट भी है जिसका डायामीटर करीब हजार किमी का है। ये एस्ट्रॉयड बेल्ट मंगल और जूपिटर के बीच में स्थित है।
गौरतलब है कि अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूमने वाले मलबे की स्पीड काफी अधिक होती है। ऐसे में यदि ये किसी मानव निर्मित चीज से टकराता है तो उसको काफी नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर पर सेटेलाइट के लिए। सेटेलाइट में लगे सोलर पैनल हल्की सी टक्कर से बेकार हो सकते हैं। इनके बेकार होने के बाद सेटेलाइट कुछ समय के बाद अपने आप ही बेकार हो जाएगी।