यूरोप में खालिस्तानियों की फसल उगा रहा है पाक, कनाडाई थिंक टैंक की रिपोर्ट में दावा

कनाडाई थिक टैंक खालिस्तान ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान शीर्षक से जारी की गई रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नौ ऐसे आतंकवादियों की सूची जारी की थी जो विदेशी भूमि से भारत में आतंकवाद फैला रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 03:54 PM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 03:54 PM (IST)
यूरोप में खालिस्तानियों की फसल उगा रहा है पाक, कनाडाई थिंक टैंक की रिपोर्ट में दावा
कनाडाई थिंक टैंक ने पाक की फंडिग से तैयार हो रहे आतंकी नेटवर्क के प्रति किया आगाह

ओटावा, एएनआइ। पाकिस्तान यूरोप की अति-उदारवादी नीतियों का फायदा उठाते हुए खालिस्तानी आतंकवादियों की फसल पैदा करने में लगा हुआ है। पाक के इन इरादों को ध्वस्त करने के लिए यूरोप के देशों के लिए यह बिल्कुल उचित समय है। इससे ज्यादा देरी होने पर समस्या पूरे यूरोप के लिए घातक होगी।

कनाडा की एक थिक टैंक मैकडोनाल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट की 'खालिस्तान: ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान' शीर्षक से जारी की गई रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहला खालिस्तानी झंडा 1970 में बर्मिंघम में फहराया गया था। इस कारनामे से ही यह संकेत मिलता है कि यूरोप पृथकतावादी आंदोलनों का केंद्र बिंदु बन गया है। ताजा स्थिति में पाकिस्तान इस आंदोलन की फंडिंग करते हुए हवा दे रहा है और सिख युवकों को गुमराह करते हुए अपने इरादे पूरे करने की कोशिश कर रहा है। यह पूरे यूरोप के लिये चिंता करने की बात है।

कनाडाई थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई माह में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नौ ऐसे आतंकवादियों की सूची जारी की थी, जो विदेशी भूमि से भारत में आतंकवाद फैला रहे हैं। इनमें दो आतंकवादी भूपिन्दर सिंह भिंडा और गुरमीत सिंह बग्गा जर्मनी में बसे हुए हैं। सिख आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख परमजीत सिंह ब्रिटेन में रह रहा है। बब्बर खालसा ने ही 1985 में एयर इंडिया की मांट्रियल-लंदन-दिल्ली जा रही फ्लाइट में बम विस्फोट किया था। जिसमें तीन सौ कनाडा, ब्रिटेन और भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी।

थिक टैंक की रिपोर्ट में यूरोप को आगाह किया गया है कि कनाडा खालिस्तानी आंदोलन को हवा देकर उसका परिणाम भुगत रहा है। यूरोपीय देशों को कनाडा से सबक लेते हुए पाकिस्तान के एजेंडे को रोकना चाहिए। देरी होने पर यह समस्या बड़ी हो सकती है।

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