प्रायोजित आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे कनाडा के हिंदू, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर छेड़ा अभियान

दुनियाभर के हिंदू 19 जनवरी 1990 के काले दिन को भूल नहीं पाए हैं जब पाकिस्तानी आतंकवाद के चलते चार लाख पंडितों को कश्मीर से पलायन करना पड़ा था। इस दिन को याद करते हुए कनाडा के शहरों में ट्रक से एक प्रचार अभियान शुरू किया गया है।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 03:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 03:41 PM (IST)
प्रायोजित आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे कनाडा के हिंदू, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर छेड़ा अभियान
31 साल पहले कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर छेड़ा अभियान।

ओंटेरियो, एएनआइ। दुनियाभर के हिंदू 19 जनवरी, 1990 के काले दिन को भूल नहीं पाए हैं, जब पाकिस्तानी आतंकवाद के चलते चार लाख पंडितों को कश्मीर से पलायन करना पड़ा था। इस दिन को याद करते हुए कनाडा के शहरों में ट्रक से एक प्रचार अभियान शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बारे में जानकारी देकर पाकिस्तानी करतूतों को उजागर किया जा रहा है। यह आयोजन इंडो-कनाडियन कश्मीर फोरम और हिंदू फोरम कनाडा ने आयोजित किया है।

अभियान में ट्रक के माध्यम से कनाडा में पाकिस्तानी करतूतों का चिट्ठा खोला जा रहा है। यहां सिखों सहित समस्त हिंदुओं ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अपील की है कि वह आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान के खिलाफ संसद में प्रस्ताव पारित करें। अभियान के दौरान यह ट्रक कनाडा के कई राज्यों से गुजर रहा है। इसका सहयोग रास्ते में पड़ने वाले सभी प्रमुख गुरुद्वारों के द्वारा किया जा रहा है। सिख समुदाय भी लंबे समय तक पाक प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित रहा है। गौरतलब है कि 31 साल पहले, पाकिस्तान समर्थक इस्लामवादी विद्रोहियों के कारण अल्पसंख्यक हिंदुओं को  कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा था।

नरसंहार पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए- बॉब सरोया

अभियान पर कनाडा के सांसद बॉब सरोया ने कहा कि मानवता के खिलाफ कश्मीरी पंडितों की तरह होने वाले नरसंहार पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। कनाडा के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत ओन्टेरियो के विधानसभा से अपने अभियान की शुरुआत करते हुए, ट्रक ने टोरंटो सिटी हॉल, ब्राम्पटन और मिसिसॉगा और  वॉन स्थित पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास कार्यालय तक यात्रा की। पहली बार, ट्रक को टोरंटो के विभिन्न प्रमुख गुरुद्वारों के सामने भी रोका गया, ताकि सिखों के साथ एकजुटता व्यक्त की जा सके, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हुए हैं।

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