तालिबानी हमलों के बीच 20,000 से अधिक कमजोर अफगानों को कनाडा बसाएगा अपने यहां

शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने कहा कि कनाडा की नई योजना उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करेगी जो विशेष रूप से कमजोर हैं जिनमें महिला नेता मानवाधिकार रक्षक पत्रकार सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और समलैंगिक समुदाय के सदस्य शामिल हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 04:55 AM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 04:55 AM (IST)
तालिबानी हमलों के बीच 20,000 से अधिक कमजोर अफगानों को कनाडा बसाएगा अपने यहां
पत्रकारों से बात करते हुए कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्को मेंडिसिनो

ओटावा, रायटर। अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से में तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है। वहां के हालात दिन पर दिन गंभीर होते जा रहे हैं। इसी बीच कनाडा ने तालिबान के प्रतिशोध से बचाने के लिए महिला नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित 20,000 से अधिक कमजोर अफगानों को फिर से बसाने की योजना बनाई है। कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने इस बात की जानकारी दी।

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह प्रयास कनाडा सरकार के लिए काम करने वाले हजारों अफगानों, जैसे दुभाषियों, दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवारों के स्वागत के लिए पहले की पहल के अतिरिक्त है। उन्होंने कहा कि जैसा कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करना जारी रखा है, इससे कई और अफगानों की जान पर खतरा बढ़ रहा है।

मेंडिसिनो ने कहा कि कनाडा की नई योजना उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करेगी जो विशेष रूप से कमजोर हैं, जिनमें महिला नेता, मानवाधिकार रक्षक, पत्रकार, सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और समलैंगिक समुदाय के सदस्य शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसमें उन दोनों लोगों को शामिल किया गया है जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं और जो पहले से ही पड़ोसी देशों में हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, क्योंकि सरकारी बल पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। मेंडिसिनो ने कहा कि हम जानते हैं कि वहां स्थिति गंभीर है और यह हर घंटे खराब होती जा रही है।

इसके साथ ही रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कहा कि कनाडा ने अफगानिस्तान से कमजोर अफगान सिख और हिंदू परिवारों के एक समूह को फिर से बसाने के लिए मनमीत सिंह भुल्लर फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। अगले कई महीनों में हम कई सौ बचे हुए सिखों और हिंदुओं को फिर से बसाने के लिए इस कार्यक्रम का विस्तार करेंगे।

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