अमेरिकी राजनीति में युवाओं की बढ़ती दिलचस्‍पी, ट्रंप के लिए खतरे की घंटी!

मध्‍यावधि चुनाव के पूर्व एक चुनावी सर्वेक्षण में इस बात की घोषणा की गई थी कि युवाओं के बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की दिलचस्‍पी घटी है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:02 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 02:26 PM (IST)
अमेरिकी राजनीति में युवाओं की बढ़ती दिलचस्‍पी, ट्रंप के लिए खतरे की घंटी!
अमेरिकी राजनीति में युवाओं की बढ़ती दिलचस्‍पी, ट्रंप के लिए खतरे की घंटी!

वाशिंगटन [ जागरण स्‍पेशल ]। अमेरिका में हुए मध्‍यावधि चुनाव में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की प्रतिनिधि सभा में मिली करारी हार के बाद यहां के सियासी समीकरण बदल गए है। इस चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने प्रतिनिधि सभा में बड़ी जीत हासिल की और पब्लिकन पार्टी की करारी हार हुई । इसके साथ सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी ने बहुमत बना लिया है। मध्‍यावधि चुनाव के पूर्व एक चुनावी सर्वेक्षण में इस बात की घोषणा की गई थी कि युवाओं के बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की दिलचस्‍पी घटी है। आइए, हम आपको बताते हैं इस सर्वे की कुछ खास बातें। इसके साथ कुछ माह पूर्व हुए सीएनएन की सर्वे रिपोर्ट की प्रमुख बातें। आदि-अादि।

मध्यावधि चुनाव और मत सर्वेक्षण

1- मध्यावधि चुनाव से पूर्व एक मत सर्वेक्षण पर गौर करें तो उसकी भविष्‍यवाणी चुनावी नतीजों के काफी निकट है। हावर्ड विश्वविद्यालय के अंतर्गत केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स में हुए चुनावी सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ था कि छह नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव में मतदान में युवा मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया था कि हाल के वर्षों में अमेरिकी युवाओं की चुनाव में दिलचस्‍पी बढ़ी है। सर्वे में दावा किया गया था कि चुनाव के अंतिम महीनों में युवा वोटरों के उत्साह में भारी वृद्धि हुई है।

2014 के मध्यावधि चुनाव के दौरान सिर्फ 26 फीसद युवाओं ने कहा था कि वे मतदान जरूर करेंगे। इस सर्वे में यह बात निकल कर आई थी कि 18 से 29 वर्ष के महज 26 फीसद मतदाता ही ट्रंप को पंसद करते हैं। यानी 74 फीसद युवा मतदाता ट्रंप को पंसद नहीं करते हैं। इसके अलावा वह शिक्षित श्वेत महिलाओं का भी समर्थन खो रहे हैं। इस वर्ग की ज्यादातर महिलाओं ने डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट दिया है। यह तस्‍वीर निश्चित रूप से ट्रंप के साथ रिपब्लिकन खेमे में खलबली मचाने वाली थी।

2- वाशिंगटन पोस्ट और एबीसी न्यूज ने छह नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की थी। इस सर्वे में पंजीकृत मतदाताओं ने हाउस के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों की तुलना में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवारों को तरजीह दी थी। इसके मुताबिक इस चुनाव में डेमोक्रेट को 50 फीसद और रिपब्लिकन को 43 फीसद वोट मिलने का दावा किया गया था। सर्वेक्षण में कहा गया था कि डेमोक्रेट के पास मतदाताओं के बीच 51 से 44 फीसद की बढ़त होगी।

क्‍या कहती है सीएनएन की ये रिपोर्ट

अक्‍टूबर माह में सीएनएन की ओर से कराए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि 46 फीसद अमेरिकी ये मानते हैं कि अगले राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत होगी। इस सर्वे के मुताबिक, ट्रंप के दोबारा चुनाव जीतने के सवाल पर लोगों के विचार अलग-अलग दिखे। 47 फीसद लोगों का मानना है कि ट्रंप दोबारा चुनाव नहीं जीतेंगे। मार्च में हुए सर्वे के बाद हुआ यह सर्वे ट्रंप के लिए बहुत बेहतर है। मार्च में 54 फीसद लोगों का मानना था कि ट्रंप अगले राष्ट्रपति चुनाव में हार जाएंगे। सर्वे में ये पाया गया था कि ट्रंप से मुकाबले डेमोक्रेटिक पार्टी नेता और पूर्व उप राष्ट्रपति जो बिडन दावेदारी में आगे हैं।

इस सर्वे में डेमोक्रेट और डेमोक्रेट रुझान रखने वाले वोटरों से उनके पसंदीदा उम्मीदवार के बारे में पूछा गया था। उनके सामने 16 संभावित उम्मीदवारों के नाम रखे गए थे। इसमें बिडेन को सबसे ज्यादा 33 फीसद समर्थन मिला। उनके बाद 13 फीसद समर्थन के साथ वेरमोंट के निर्दलीय सीनेटर बर्नी सैंडर्स रहे। बता दें कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में सैंडर्स ने हिस्सा लिया था। भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को नौ फीसद और सीनेटर एलिजाबेथ वैरन को आठ फीसद लोगों का समर्थन मिला।

क्‍या है अमेरिकी कांग्रेस

बता दें कि यहां अमेरिकी कांग्रेस के दो सदन है। पहले सदन को सीनेट और दूसरे सदन को हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स कहा जाता है। हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स को संसद का निचला सदन या प्रतिनिधि सभा भी कहते हैं। प्रतिनिधि सभा में कुल 435 सीटें हैं। इस चुनाव में डेमोक्रेट ने 245 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि बहुमत के लिए 218 सीटों की जरूरत होती है। हालांकि सीनेट में  रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व बरकरार है। सीनेट की 100 सीटों में पार्टी को 54 सीटें हासिल हुई हैं।

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