चीन अब विदेश में नई कोयला परियोजनाएं शुरू नहीं करेगा, चिनफिंग ने UNGA के संबोधन में किया वादा
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चीन अब विदेश में कोयला आधारित नई बिजली परियोजनाएं शुरू नहीं करेगा। चीन पर कूटनीतिक दबाव है कि वह विदेश में इस तरह के बिजली संयंत्रों के लिए धन मुहैया कराना बंद करे।
संयुक्त राष्ट्र, रायटर। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चीन अब विदेश में कोयला आधारित नई बिजली परियोजनाएं शुरू नहीं करेगा। इसके साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले का भी वादा किया है।
चीन पर इस बात को लेकर भारी कूटनीतिक दबाव है कि वह विदेश में इस तरह के बिजली संयंत्रों के निर्माण के लिए धन मुहैया कराना बंद कर दे। ऐसा करने से पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को हासिल करना आसान हो जाएगा। समझौते में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की बात है।
चीन अंतरराष्ट्रीय संबंधों में शांतिपूर्ण इरादा रखता है
चिनफिंग ने अपने पहले से रिकार्ड वीडियो संदेश में कहा, 'चीन ग्रीन और निम्न कार्बन ऊर्जा के विकास में दूसरे विकासशील देशों का समर्थन बढ़ाएगा और विदेश में कोयला आधारित नई बिजली परियोजनाओं का निर्माण नहीं करेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय संबंधों में शांतिपूर्ण इरादा रखता है। अमेरिका के जलवायु दूत जान केरी ने चिनफिंग के इस एलान का स्वागत किया और कहा कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबले में यह अच्छी शुरुआत है।
बाइडन का चीन पर निशाना
चिनफिंग से कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। बाइडन ने अपने संबोधन में चीन का नाम लिए बगैर कहा कि निरंकुशता के माध्यम से लोकतंत्र को परास्त नहीं किया जा सकता है। जबकि चिनफिंग ने अपने भाषण में अमेरिका का सीधा जिक्र नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने कोयले पर शी के कदम और विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए 2024 तक प्रति वर्ष 11.4 बिलियन डालर से दोगुना करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के साथ काम करने के लिए बाइडन के वादे की प्रशंसा की।
चीन ग्रीनहाउस गैस का सबसे बड़ा उत्सर्जक
चीन दुनिया में ग्रीनहाउस गैस का सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है। यह देश घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर कोयले पर निर्भर है।