जानें अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप को क्‍यों करना पड़ा बंकर में जाने का फैसला, क्‍या है इसकी खासियत

अमेरिकी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के लिए बनाया गया अंडरग्राउंड बंकर हर तरह की सुविधा से लैस है। यहां पर सुरक्षित रहते हुए राष्‍ट्रपति अपने हर काम को अंजाम दे सकते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 09:09 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 08:28 AM (IST)
जानें अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप को क्‍यों करना पड़ा बंकर में जाने का फैसला, क्‍या है इसकी खासियत
जानें अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप को क्‍यों करना पड़ा बंकर में जाने का फैसला, क्‍या है इसकी खासियत

वाशिंगटन। अमेरिका में अश्वेत नागरिक की कस्‍टडी में हुई मौत के बाद जो बवाल मचा है वो कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आलम ये है कि इसकी वजह से एहतियातन अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को एक घंटा बंकर में बिताना पड़ा। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने इस खबर की जानकारी सार्वजनिक की थी। हालांकि ये बंकर आम बंकरों से बिल्‍कुल अलग है। इसमें हर तरह की सुविधा है। ये हर तरह के हमले से राष्‍ट्रपति का बचाव भी कर सकता है। अखबार के मुताबिक के जरिए सामने आई जानकारी के मुताबिक 131 वर्षों में दूसरी बार हुआ है कि जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति को बंकर में जाना पड़ा। इससे पहले 9/11 हमले के दौरान भी तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति को बंकर में ले जाया गया था।

राष्‍ट्रपति ट्रंप को बंकर में ले जाने से पूर्व व्‍हाइट हाउस की लाइटें बंद कर दी गईं थीं। इस बंकर के बारे में और अधिक जानकारी देने से पहले आपको बता दें कि अश्‍वेत नागरिक की मौत के बाद अमेरिका में जो प्रदर्शन हुए हैं उनमें 60 से अधिक सीक्रेट सर्विस के अधिकारी और एजेंट भी घायल हुए हैं। कई शहरों और राज्‍यों में नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। करीब दो हजार लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इस प्रदर्शन की आग अमेरिका के करीब 140 शहरों तक फैल गई है। आइये अब बताते हैं अमेरिकी राष्‍ट्रपति के लिए बनाए गए इस बंकर की खासियत।

व्‍हाइट हाउस के नीचे बनाए गए बंकर को प्रेजीडेंशियल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर भी कहा जाता है। अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला लॉरा बुश ने इसको लेकर अपनी एक किताब में बेहद दिलचस्‍प बाते बताई हैं। उन्‍होंने लिखा है कि वह व्‍हाइट हाउस के नीचे बने एक एयरटाइट बंकर में हैं। ये बंकर अनफिनिश्‍ड है और इसके भारी-भरकम दरवाजे स्‍टील के बने हैं। यहां पर टीवी, फोन और कम्‍यूनिकेशन के दूसरे तमाम साधन मौजूद हैं। उन्‍होंने यहां पर बने एक कांफ्रेंस हॉल का भी जिक्र किया है जिसमें एक बड़ी सी टेबल और कई सारी कुर्सियां लगी थीं। उन्‍होंने लिखा कि वहां पर कई फोटोग्राफ्स भी लगे थे।

किसी आपात स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति के बचाव के लिए इस बंकर को 1941 में हुए पर्ल हार्बर हमले के बाद बनाया गया। उस वक्‍त अमेरिका के राष्‍ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट थे। इसके पीछे बेहद दिलचस्‍प कहानी है। जब पर्ल हार्बर हमले के बाद सुर‍क्षाकर्मियों ने जब रूजवेल्‍ट को किसी दूसरी जगह पर ले जाने की गुजारिश की थी तो उन्‍होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद इस बंकर को बनाने के बारे में विचार किया गया। इसके बाद पूर्वी हिस्से में बंकर बनाया गया।

ये बंकर बेहद सुरक्षित है। हालांकि ये बंकर परमाणु बम के हमले से राष्‍ट्रपति की रक्षा नहीं कर सकता है। इसके अलावा ये बंकर किसी भी आपात स्थिति में राष्‍ट्रपति के लिए पूरी तरह से महफूज है। लेकिन इसका अर्थ ये भी नहीं है कि परमाणु हमले से बचाव के लिए राष्‍ट्रपति के पास कोई जरिया नहीं है। दरअसल, अमेरिकी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के लिए विभिन्‍न परिस्थितियों के लिहाज से अलग-अलग बंकर बनाए गए हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल में भी उत्तरी बागीचे के नीचे एक मेगा बंकर का निर्माण किया गया था। यहां पर बनाए गए बंकर में राष्‍ट्रपति और उनके परिवार के सदस्‍यों के लिए हर सुविधा से लैस अलग-अलग कमरे भी बनाए गए हैं। 

व्हाइट हाउस में बना राष्ट्रपति का यह खुफिया बंकर करीब 5 मंजिला इमारत जितना बड़ा है। यहां पार्किंग और गैराज की भी सारी सुविधाएं मौजूद हैं। ये खुफिया और अतिसुरक्षित बंकर कई सुरंगों से जुड़ा है। इन सुरंगों के जरिए राष्‍ट्रपति किसी भी आपात स्थिति में कहीं भी आ जा सकते हैं। यह बंकर सिर्फ राष्‍ट्रपति तक के लिए ही सीमित नहीं है, बल्कि जरूरत पड़ने पर इसमें व्हाइट हाउस के भी सभी कर्मचारी रह सकते हैं।

व्हाइट हाउस के नीचे बना ये बंकर हर तरह की आधुनिक तकनीक से लैस है। यहां पर बने कुछ बंकर मिसाइल हमलों समेत परमाणु हमले में भी राष्‍ट्रपति की रक्षा कर सकते हैं। मिसाइलों का भी इसपर कोई असर नहीं होता। यहां पर राष्ट्रपति और उनका परिवार लंबे समय तक रह सकता है। राष्‍ट्रपति की सुरक्षा के लिए केवल व्‍हाइट हाउस में ही बंकर नहीं बनाए गए हैं बल्कि कुछ दूसरी जगहों पर भी यही सुविधा दी गई है।

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