उपराष्ट्रपति हैरिस भी क्वाड नेताओं के साथ करेंगी बैठक, लोकतांत्रिक देशों के लिए अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
क्वाड (अमेरिका भारत आस्ट्रेलिया और जापान) की शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी क्वाड देशों भारत आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग से बैठक करेंगी। इस बैठक में लोकतांत्रिक देशों के लिए अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। क्वाड (अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान) की शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी क्वाड देशों भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग से बैठक करेंगी। इस बैठक में लोकतांत्रिक देशों के लिए अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। राष्ट्रपति जो बाइडन व्हाइट हाउस के पूर्वी कक्ष में क्वाड नेताओं की पहली व्यक्तिगत बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मारिसन और जापान के पीएम योशीहिदे सुगा की मेजबानी करेंगे।
बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बैठक के बाद क्वाड के सदस्य उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिलेंगे और हर देश में लचीलेपन से जुड़ी क्षमताओं पर विस्तार से बातचीत करेंगे। साथ ही उन नोट्स की तुलना करेंगे जिन्हें हम मानते हैं कि लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हैं। मुझे उम्मीद है कि चारों नेताओं के बीच बातचीत अच्छी रहेगी। प्रधानमंत्री सुगा और राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बैठक के लिए भी बीच में समय होगा।' उन्होंने बताया कि देश की प्रथम महिला डा. जिल बाइडन के साथ अलग से एक सत्र होगा।
मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने एक वर्चुअली क्वाड नेताओं के पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस एक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर वार्ता हुए और चीन को कड़ा संदेश दिया गया, जो इस क्षेत्र में आक्रामक व्यवहार करता रहा है।नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को आकार दिया।
'क्वाडीलेटरल सिक्योरिटी डायलाग' के चार सदस्य देश अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के प्रतिनिधियों ने 2007 में इसकी स्थापना के बाद से समय-समय पर मुलाकात की है। चीन की आक्रामकता के मद्देनजर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख चर्चा का विषय बन गई है।