यूएस की अपील, बातचीत की मेज पर वापस आए ईरान, लंबे समय तक नहीं टाला जा सकता ये प्रोसेस

अमेरिका का कहना है कि वो लंबे समय तक परमाणु डील पर वार्ता को नहीं रोक सकता है। इसलिए ईरान को इस पर वापस आना चाहिए। अमेरिका ने ये भी कहा है कि वो इस डील पर वापस आना चाहता है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 01:38 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 01:38 PM (IST)
यूएस की अपील, बातचीत की मेज पर वापस आए ईरान, लंबे समय तक नहीं टाला जा सकता ये प्रोसेस
ईरान को न्‍यूक्लियर डील पर आना चाहिए वापस

वाशिंगटन (एएनआई/शिन्‍हुआ)। अमेरिका ने ईरान में राष्‍ट्रपति इब्राहिम रेसी के नेतृत्‍व में बनी नई सरकार से अपील की है कि वो 2015 में हुई परमाणु डील पर दोबारा वापसी के लिए वार्ता में शामिल हों। अमेरिका की तरफ से ये बयान ऐसे समय में आया है जब राष्‍ट्रपति इब्राहिम ने ईरान से प्रतिबंधों को हटाने वाले किसी भी प्रस्‍ताव का समर्थन करने की बात कही है। बता दें कि इब्राहिम रेसी इसी वर्ष 18 जून को देश के राष्‍ट्रपति पद के लिए चुने गए थे। उन्‍होंने 5 अगस्‍त को राष्‍ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ ली है।

उनके शपथ लेने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता नेड प्राइस ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमारा संदेश ईरान के नए राष्‍ट्रपति इब्राहिम रेसी के लिए भी वही है जो उनके पूर्व के राष्‍ट्रपति के लिए था। अमेरिका अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा और अपने सहयोगियों के हितों की रक्षा करता रहेगा। अमेरिका को उम्‍मीद है कि ईरान की नई सरकार इस मौके का फायदा उठाएगी और तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक समाधान तलाशेगी।

नेड प्राइस ने कहा कि हम पूरी तरह से स्‍पष्‍ट हैं कि हम वियना में परमाणु डील संबंधी वार्ता पर वापस लौटना चाहते हैं। उन्‍होंने इस दौरान ईरान से भी अपील की कि वो भी इसमें जल्‍द वापसी करे, जिससे दोनों पक्ष किसी नतीजे पर पहुंच सकें। गौरतलब है कि परमाणु डील को लेकर दोनों के बीच अप्रेल से अब तक करीब छह दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन अब भी दोनों के बीच कई मुद्दों पर विरोधाभास जारी है जिस वजह से किसी अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंचा जा सका है। दोनों के बीच वर्ष 2015 में हुई परमाणु डील को ज्‍वाइंट कॉम्‍प्रहेंसिव प्‍लान ऑफ एक्‍शन (जकोपा) नाम से भी जाना जाता है।

अमेरिका ने ये भी साफ कर दिया है कि बातचीत के इस प्रोसेस को बहुत लंबे समय तक के लिए रोक कर नहीं रखा जा सकता है। इसलिए ईरान को बातचीत की टेबल पर वापस आना चाहिए। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इब्राहिम रेसी ने अपनी शपथ के बाद कहा था कि देश का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा था कि वो किसी भी तरह के कूटनीतिक प्रस्‍ताव का स्‍वागत और समर्थन करने को तैयार हैं, बशर्ते ईरान से प्रतिबंध हटते हों।

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