अमेरिका की नई नीति: ताइवान अधिकारी के साथ सरकार के संबंधों को मिलेगा बढ़ावा

चीन पर एक और हमला करते हुए अमेरिका ने इसके लिए नए गाइडलाइन को जारी कर दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार ये गाइडलाइन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वरा हस्ताक्षर किए गए कानून के तहत जारी किए गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 11:08 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 11:08 AM (IST)
अमेरिका की नई नीति:  ताइवान अधिकारी के साथ सरकार के संबंधों को मिलेगा बढ़ावा
अमेरिका की नई नीति: ताइवान अधिकारी के साथ सरकार के संबंधों को मिलेगा बढ़ावा

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को ताइवानी समकक्षों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाली देश की नई नीतियों की जानकारी दी। दरअसल चीन पर एक और हमला करते हुए अमेरिका ने इसके लिए नए गाइडलाइन को जारी कर दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, ये गाइडलाइन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वरा हस्ताक्षर किए गए कानून के तहत जारी किए गए हैं।

बता दें कि प्रवक्ता नेड प्राइस ने पहले कहा था कि ताइवान के लिए हमारी प्रतिबद्धता चट्टान की तरह है और हम हर सूरत में ताइवान खाड़ी तथा क्षेत्र के भीतर शांति व स्थिरता में योगदान देने को तत्पर हैं। प्राइस ने ताइवान के लिए समर्थन पर जोर देते हुए यह भी कहा था कि अमेरिका के अपने सहयोगियों के प्रति कुछ दायित्व हैं और जरूरत पड़ने पर वह उन्हें निभाने से पीछे नहीं हटेगा। 

उल्लेखनीय है अमेरिका ताइवान के समीप चीन की सैन्य कार्रवाई पर नजर रख रहा है। पेंटागन ने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित है। पेंटागन प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'हम दक्षिण चीन सागर के यूनियन बैंक क्षेत्र में चीन के नौसैन्य वाहनों के जुटने से चिंतित हैं। साथ ही हम सहयोगी फिलीपीन के कानूनी अधिकारों को बाधित करने के चीन के प्रयासों से भी चिंतित हैं। अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ खड़ा है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' पिछले सप्ताहांत में जब बीजिंग ने दो दर्जन से अधिक वार प्लेन से ताइवान पर हमला किया था तब से अमेरिका-चीन के बीच तनावों के मुद्दों में सबसे आगे ताइवान शामिल हो गया। 

ताइवान ने कहा था कि सोमवार को ताइवानी वायु रक्षा क्षेत्र में चीन ने 10 युद्धक विमान भेजे हैं। हमें यदि युद्ध लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे और अंतिम दिन तक अपनी रक्षा करेंगे। अमेरिका ने कहा, यदि चीन उकसावे वाली गतिविधियों से बाज नहीं आता है तो उसे अपने सहयोगियों की मदद के लिए आगे आना होगा।

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