अमेरिकी सीनेटर बोले- भारत-अमेरिका का रिश्ता चीन जैसे 'विरोधियों' को एक मजबूत संदेश भेजेगा

सीनेटर केविन क्रामर ने कहा संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करना हमारे दोनों देशों को सुरक्षित बनाता है और चीन और रूस जैसे विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश भेजता है। भारत के साथ एक मजबूत रिश्ता आगे के आर्थिक अवसरों के लिए द्वार खोलता है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 02:09 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 02:09 PM (IST)
अमेरिकी सीनेटर बोले- भारत-अमेरिका का रिश्ता चीन जैसे 'विरोधियों' को एक मजबूत संदेश भेजेगा
भारत-अमेरिका का रिश्ता चीन जैसे 'विरोधियों' को एक मजबूत संदेश भेजेगा।

वॉशिंगटन, पीटीआइ। रिपब्लिकन सीनेटर ने हाल ही में संपन्न 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच बंधन को मजबूत करने से चीन और रूस जैसे 'विरोधियों' को एक स्पष्ट संदेश जाएगा। नई दिल्ली में मंगलवार को भारत-अमेरिका 2 + 2 वार्ता के तीसरे संस्करण के दौरान, दोनों देशों ने अपने समग्र सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई और रणनीतिक बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते (BECA) सहित कुल पांच संधि पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत को अमेरिकी सैन्य उपग्रहों से रियल टाइम आधार पर महत्वपूर्ण डेटा और स्थलाकृतिक तस्वीरों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा। 

अन्य समझौते परमाणु ऊर्जा, पृथ्वी विज्ञान और आयुर्वेद के क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करेंगे। इस वार्ता का नेतृत्व भारतीय पक्ष से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका की ओर से अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क टी जुड़े थे।

सीनेटर केविन क्रामर ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करना हमारे दोनों देशों को सुरक्षित बनाता है और चीन और रूस जैसे विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश भेजता है। मुझे ट्रंप की विदेश नीति टीम, जो रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम कर रही है, उससे प्रोत्साहन मिल रहा है।' बता दें कि हाल के महीनों में चीन और अमेरिका के बीच संबंध कोरोना वायरस महामारी, व्यापार, बीजिंग की हांगकांग पर बढ़ती पकड़ और शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित मानवाधिकार हनन जैसे कई मुद्दों पर बिगड़ गए हैं।

वहीं, भारत और चीन मई के शुरुआती दिनों में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध में आमने सामने हैं, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को काफी तनावपूर्ण बना दिया है। क्रामर का कहना है कि भारत के साथ एक मजबूत रिश्ता आगे के आर्थिक अवसरों के लिए भी द्वार खोलता है। 

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