अमेरिका की चीन को दो-टूक, पोंपियो बोले- साउथ चाइना सी पर बीजिंग का दावा गैरकानूनी
अमेरिका ने चीन को दो टूक कह दिया है कि वह साउथ चाइना सी में दादागिरी से बाज आए। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियों ने कहा कि साउथ चाइना सी में बीजिंग का दावा गैरकानूनी है।
वाशिंगटन, एएनआइ। दक्षिण चीन सागर में चीन (China) और अमेरिका (United States) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर दक्षिण चीन सागर के अधिकांश क्षेत्रों में अपतटीय संसाधनों पर चीन के दावों को खारिज कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Michael Pompeo) ने कहा है कि बीजिंग दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में दूसरे देशों को डराने और धमकाने का काम कर रहा है। इस क्षेत्र में चीन की यह गतिविधियां पूरी तरह से गैरकानूनी हैं। अमेरिका दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में बीजिंग के इस अवैध दावे को खत्म करने के लिए अपनी नीतियों को और मजबूत करने जा रहा है।
चीन का दावा गैरकानूनी
माइक पोंपियो (Michael Pompeo) ने सोमवार को दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के दावे को अवैध बताते हुए कहा कि चीन सरकार के पास इस क्षेत्र पर एकतरफा दावा करने का कोई भी कानूनी आधार नहीं है। अमेरिका का कहना है कि वह दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावों की बाबत अपनी स्थिति को साल 2016 के आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले के मुताबिक स्पष्ट करता है। दरअसल, आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने 12 जुलाई 2016 को एक सर्वसम्मत फैसले में दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे को खारिज कर दिया था।
अमेरिका ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले की याद दिलाई
आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल (Arbitral Tribunal) का गठन 1982 के लॉ ऑफ सी कन्वेंशन (1982 Law of the Sea Convention) के तहत किया गया था। मामले में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (People Republic of China, PRC) एक पार्टी था। अपने फैसले में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक दक्षिण चीन सागर पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के समुद्री दावे का कोई भी कानूनी आधार नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने इसी फैसले का हवाले देते हुए कहा कि अमेरिका एक मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक चैंपियन है। आज हम उसी क्षेत्र के तहत दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नीति को स्पष्ट कर रहे हैं।
साउथ चाइना सी पर कब्जे की फिराक में चीन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने दो-टूक कहा कि साउथ चाइन सी क्षेत्र के समुद्री संसाधनों पर चीन का दावा पूरी तरह गैर कानूनी है। चीन इस क्षेत्र पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने के लिए एक सुनियोजित मुहिम चला रहा है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर तीन द्वीपसमूह में बंटा हुआ है और बीजिंग लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना संप्रभु क्षेत्र बता रहा है। हाल के वर्षों में चीन ने अपने दावे को लेकर आक्रामक रुख अख्तियार किया है।
अमेरिका ने किया आगाह
अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस बारे में चीन को सख्त हिदायत दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि दक्षिण चीन सागर में हम शांति और स्थिरता चाहते हैं। हम इस क्षेत्र में समुद्री स्वतंत्रता को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बनाए रखना चाहते हैं। हम इस क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रवाह को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चीन की दादागिरी को चुनौती देने के लिए अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने दो विमानवाहक पोत भेजे हैं। ये दोनों पोत क्षेत्र में इस समय संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। अमेरिका के फाइटर जेट लगातार दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके में उड़ान भर रहे हैं। चीन बार बार गीदड़भभकी तो दे रहा है लेकिन अमेरिका जैसी महाशक्ति के आगे उसकी एक नहीं चल पा रही है।