तीन महीने बाद फ‍िर शुरू हुई अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता, दाेहा पहुंचे वार्ताकार

शनिवार को तालिबान के साथ दोहा में वार्ता का एक नया दौर शुरू किया है। बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने संकेत दिया था कि जल्‍द ही तालिबान के साथ वार्ता का नया दौर शुरू हो सकता है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 03:05 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 03:05 PM (IST)
तीन महीने बाद फ‍िर शुरू हुई अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता, दाेहा पहुंचे वार्ताकार
तीन महीने बाद फ‍िर शुरू हुई अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता, दाेहा पहुंचे वार्ताकार

दोहा, एजेंसी । अमेरिका ने शनिवार को तालिबान के साथ दोहा में वार्ता का एक नया दौर शुरू किया है। बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने संकेत दिया था कि जल्‍द ही तालिबान के साथ वार्ता का नया दौर शुरू हो सकता है। इसके बाद अमेरिकी वार्ताकार तालिबान से नए सिरे से वार्ता के लिए दोहा पहुंच गए हैं। 

इस समय अफगनास्तिान पर अमेरिका के वार्ताकार जलमय खलीलजाद तालिबान के साथ वार्ता में शामिल होने के लिए कतर में हैं। इस दौरान एक बार फ‍िर से अमेरिका अफगानिस्‍तान के अंदर युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। खासकर क्षेत्र में हिंसा रोकने पर जोर होगा ताकि युद्ध विराम हो सके। बता दें कि अफगानिस्‍तान की राजधानी काबूल में आत्‍मघाती हमले में एक अमेरिकी सैनिक के मारे जाने के बाद सितंबर में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने आतंकवादी समूह के साथ अचानक वार्ता खत्‍म कर दी थी।

इसके बाद अचानक इस वार्ता पर विराम लग गया था। तीन महीने बाद के वाशिंगटन ने एक बार फ‍िर से दोबारा से वार्ता के लिए पहल की है। बुधवार को इस ऐलान के बाद पाकिस्‍तान ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि इससे अफगानिस्‍तान के अंदर वार्ता होगी और शांतिपूर्ण एवं स्‍थायी अफगानिस्‍तान का निर्माण होगा।

नौ सितंबर को काबुल में हमले के बाद अमेरिका की नीति में बदलावा आया। इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ कैंप डेविड में होने वाली बैठक को रद कर दिया था। इसका असर शांति प्रक्रिया पर पड़ा। उनके इस फैसले पर तालिबान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी। तालिबान ने कहा था कि ट्रंप ने इस फैसले से अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है। लिबान की ओर से कहा  गया है कि अमेरका का यह फैसला अविश्वसनीय है।

आपको बता दें कि कई महीनों से कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि, तालिबान अफगान सरकार से भी बातचीत करने पर अड़ा था जिसे वह अमेरिका की कठपुतली समझता है। बाद में कैंप डेविड में होनी वाली बातचीत में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के आने भी सहमति बनी थी। इस बीच यह खबर आई कि अमेरिका अफगानिस्तान से पांच हजार सैनिक हटाने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है अगर तालिबान कुछ बातों की गारंटी दे।

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