जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी अमेरिकी रिपोर्ट सार्वजनिक, सऊदी अरब ने नकारा, 76 लोगों पर प्रतिबंध लगाया

वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट को अमेरिका ने सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि खशोगी को पकड़कर उसकी हत्या करने के ऑपरेशन को सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:59 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:59 PM (IST)
जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी अमेरिकी रिपोर्ट सार्वजनिक, सऊदी अरब ने नकारा, 76 लोगों पर प्रतिबंध लगाया
वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट

वाशिंगटन, एजेंसियां। वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट को अमेरिका ने सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि खशोगी को पकड़कर उसकी हत्या करने के ऑपरेशन को सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी। उधर, सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रिपोर्ट में जो भी बातें कहीं गई हैं, वह पूरी तरह झूठी और अस्वीकार्य हैं। गलत आकलन के आधार पर रिपोर्ट को तैयार किया गया है। 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने खशोगी की हत्या से जुड़े 76 सऊदी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया

इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने सऊदी अरब के उन 76 व्यक्तियों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया है, जिन पर आरोप है कि वह विदेश में रहने वाले लोगों धमकाने में लगे हैं। आरोप है कि इन लोगों का खशोगी की हत्या में भी हाथ है। बता दें कि क्राउन प्रिंस पहले ही चुके हैं कि वे खशोगी की हत्या के लिए सऊदी अरब की जिम्मेदारी कुबूलते हैं, लेकिन उन्होंने इस घटना में शामिल होने से इन्कार किया है। 

संसद को रिपोर्ट सौंपते हुए ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (ओडीएनआइ) ने कहा कि खशोगी की हत्या के दौरान क्राउन प्रिंस ने ऐसा माहौल तैयार किया था कि कातिल भी इस बात से डरते थे कि अगर उन्होंने अपना काम पूरा नहीं किया तो उन्हें मार दिया जाएगा। इससे साफ पता चलता है कि कातिल क्राउन प्रिंस के फैसले पर ना तो सवाल उठा सकते थे और ना ही इतनी बड़ी कार्रवाई को उनके बिना अनुमति के अंजाम दे सकते थे। 

ओडीएनआइ के मुताबिक उसका आकलन है कि क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार खशोगी को पकड़ने और उसकी हत्या करने के ऑपरेशन को मंजूरी दी थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2017 के बाद क्राउन प्रिंस का देश की सुरक्षा और खुफिया संस्थानों पर पूरा नियंत्रण रहा है। जिससे यह संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है कि बिना उनकी अनुमति के इतने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है। 

सऊदी अरब के समर्थन में आया यूएई

अमेरिका द्वारा जारी रिपोर्ट के खिलाफ सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का साथ मिला है। यूएई के विदेश मंत्रालय ने सऊदी न्यायपालिका पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वह कानून को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने की सऊदी अरब की प्रतिबद्धता का पालन करेगी। इस मामले में शामिल सभी दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। 

सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में की गई थी खशोगी की हत्या 

जमाल खशोगी का जन्म सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना में 13 अक्टूबर, 1958 को हुआ था। खशोगी कभी सऊदी अरब के शाही परिवार के करीबी थे, लेकिन बाद में अति रूढ़विादी सरकार के मुखर आलोचक बन गए। सऊदी अरब के शक्तिशाली शहजादे मुहम्मद बिन सलमान से मतभेद के बाद वर्ष 2017 में स्व-निर्वासन में अमेरिका चले गए थे और अंतत: इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास के अंदर उनकी हत्या कर दी गई। उनका शव भी नहीं मिला था। खशोगी की हत्या में पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था और उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। हालांकि खशोगी के परिवार द्वारा क्षमादान दिए जाने के बाद उनकी सजा को आजीवन कैद में बदल दिया गया।

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