अमेरिका में बढ़ रहे प्रदर्शन, कोरोना वायरस का नया दौर शुरू होने का डर

अमेरिका में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में अभी कुछ कमी देखने को मिली है लेकिन प्रदर्शनों से संक्रमण का नया दौर शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 04:57 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 04:57 PM (IST)
अमेरिका में बढ़ रहे प्रदर्शन, कोरोना वायरस का नया दौर शुरू होने का डर
अमेरिका में बढ़ रहे प्रदर्शन, कोरोना वायरस का नया दौर शुरू होने का डर

लॉस एंजिलिस, एपी। अमेरिका में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में अभी कुछ कमी देखने को मिली है, लेकिन प्रदर्शनों से संक्रमण का नया दौर शुरू होने का खतरा मंडरा रहा है। ट्रंप प्रशासन को भी इस बात का डर सता रहा होगा। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों से प्रभावित अटलांटा शहर की मेयर ने प्रदर्शनकारियों को आगाह किया है कि अगर आप बीती रात प्रदर्शन कर रहे थे, तो शायद आपको इस हफ्ते कोविड-19 जांच कराने की आवश्यकता है।

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की कोई दवा या वैक्‍सीन अभी तक ईजाद नहीं हुई है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक, शारीरिक दूरी ही इस संक्रमण से बचने का कारगर उपाय है। लेकिन अमेरिका में इन दिनों प्रदर्शनों के दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग का बिल्‍कुल भी ध्‍यान नहीं रखा जा रहा है, जिससे संक्रमण के फैलने की गति तेजी से बढ़ सकती है। इससे अब तक की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इधर, बिना मास्क पहने या सामाजिक दूरी का पालन किए बिना बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों में चिंता पैदा हो गई है कि इससे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी फिर से फैल सकती है। वह भी ऐसे समय में, जब देशभर में इससे मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है और अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की कोशिशें चल रही है।

वैसे, यह हाल सिर्फ अमेरिका का ही नहीं है। हांगकांग के साथ कुछ अन्‍य देशों में भी ऐसे हालात देखने को मिल रहे हैं, जो कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं। यहां सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर उनकी रैलियों को रोकने के लिए शारीरिक दूरी के नियमों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों को डर है कि ऐसी रैलियों में बिना लक्षण वाले मरीज दूसरे लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं।

हालांकि, प्रदर्शनकारियों का पक्ष भी गलत नहीं लगता। अटलांटा में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सोमवार को जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं है। अश्वेत महिला स्पेंस इन्ग्राम ने कहा, 'यह ठीक नहीं है कि महामारी के बीच में हमें अपनी जिंदगियों को खतरे में डालते हुए बाहर निकलना पड़ा लेकिन मुझे अपनी जिंदगी के लिए प्रदर्शन करना होगा और अपनी जिंदगी के लिए लड़ना होगा।'

बता दें कि ये प्रदर्शन तब भड़क उठे जब एक वीडियो में एक श्वेत पुलिस अधिकारी को आठ मिनट से अधिक समय तक घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। बाद में चोटों के कारण फ्लॉयड की मौत हो गई। अटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने शनिवार को चेतावनी देते हुए कहा, 'अमेरिका में अब भी महामारी का प्रकोप है जो बड़ी संख्या में अश्वेत और श्वेत लोगों को मार रही है।'

वहीं, मिनीपोलिस में मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने कहा कि कई प्रदर्शनकारी अपनी पहचान छिपाने के लिए मास्क पहन रहे हैं और 'भ्रम पैदा कर रहे हैं तथा इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं।' राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त ने आगाह किया कि प्रदर्शनों से विषाणु के नए मामले सामने आ सकते हैं। मिनेसोटा में बृहस्पतिवार को एक दिन में कोरोना वायरस से 35 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्‍या 1,816,897 हो गई है और 105,557 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी अमेरिका में 1,176,102 एक्टिव केस हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्‍या में कमी आई है। ऐसे में यदि विरोध प्रदर्शन होते हैं, तो संक्रमण की दूसरा हमला और बड़ा हो सकता है। अमेरिका के लोगों को यह समझना होगा।

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