चीन-ताइवान के बीच बढ़ते तनाव पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन- चीन से ताइवान की रक्षा करेंगे

चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिकी चीन से ताइवान की हमेशा रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:41 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:09 AM (IST)
चीन-ताइवान के बीच बढ़ते तनाव पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन- चीन से ताइवान की रक्षा करेंगे
चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव पर बोले बाइडन।(फोटो: रायटर)

बाल्टिमोर, रायटर। चीन-ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (joe Biden) ने कहा है कि उनका देश चीन (China) से ताइवान (Taiwan) की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए आएगा, वह उसकी रक्षा के लिए एक प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि ताइवान स्वयं को अलग राष्ट्र मानता है, जबकि चीन हमेशा से उसे अपने ही एक स्वायत्त हिस्से के तौर पर मान्यता देता रहा है।

अमेरिका कम से कम एक साल से गुप्त रूप से ताइवान में सैन्य प्रशिक्षकों की एक छोटी टुकड़ी के साथ उनके सैन्य बलों को प्रशिक्षण (US secretly training Taiwan forces) दे रहा है। एक हालिया मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. चीन के साथ प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए अमेरिका का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ताइवान की चीन को चेतावनी

ताइवान ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर चीन कई दिनों तक बीजिंग के युद्धक विमानों की घुसपैठ के बाद इस द्वीप पर कब्जा कर लेता है तो इसके ‘क्षेत्रीय शांति के लिए विनाशकारी परिणाम’ होंगे। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने स्पष्ट किया है कि अपने आपको बचाने के लिए के लिए जो भी करना पड़ेगा, उसे करने से ताइवान नहीं चूकेगा।

हाल के दिनों में लगभग 150 चीनी युद्धक विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। चीन के जेट विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी, जिसे चीनी आक्रामकता में बड़ी वृद्धि के तौर पर देखा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्व-शासित लोकतंत्र की जब्ती को ‘अपरिहार्य’ बताया है और बीजिंग त्साई पर उसी समय से दबाव डाल रहा है, जब वह 2016 में एक ‘स्वतंत्र’ ताइवान के जनादेश पर चुनी गई थीं।

ताइवान के राष्ट्रपति का ये बयान ऐसे वक्त पर भी सामने आया है, जब चीन ताइवान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। वहीं ताइवान अपने आपको अलग स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश मानता है। 1979 के बाद से, जब वाशिंगटन ने चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए, अमेरिकी सैनिक स्थायी रूप से द्वीप पर नहीं रहे हैं।

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