एच-1बी वीजा नहीं पाने वाले दोबारा कर सकते हैं आवेदन, भारतीयों को हो सकता है फायदा

अमेरिका ने ऐसे एच1बी वीजा आवेदकों को दोबारा आवेदन करने की इजाजत दे दी है जिनका किसी वजह से वीजा आवेदन खारिज कर दिया गया था। आपको बता दें कि एच1बी वीजा भारतीयों में काफी लोकप्रिय है। इसलिए इस फैसले से भारतीयों को लाभ हो सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 03:32 PM (IST)
एच-1बी वीजा नहीं पाने वाले दोबारा कर सकते हैं आवेदन, भारतीयों को हो सकता है फायदा
अमेरिका ने एच1 बी वीजा को लेकर की बड़ी घोषणा

वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिकी सरकार की एक संस्था ने घोषणा की है कि एच-1बी वीजा के लिए कुछ विदेशी कर्मचारियों को दोबारा आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह वह लोग हैं जिनका किसी कारण से पहली बार में आवेदन खारिज हो गया था, या फिर उन्होंने पंजीकरण के बाद अपना आवेदन देने में देर कर दी थी। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के भारतीय विशेषज्ञों के बीच यह नॉन इमिग्रेंट वीजा बेहद लोकप्रिय हैं। एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने का अवसर देता है ताकि अमेरिकी कंपनियां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञों की अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।

अमेरिका की तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों को नौकरी देती हैं। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (यूएससीआइएस) के तहत उन आवेदनों को स्वीकार किया जाता है जिन्हें या तो पहले खारिज कर दिया गया था, या फिर एक अक्टूबर, 2020 के बाद आवेदन मिलने से उसे स्वीकार नहीं किया जा सका था। यूएससीआइएस ने बुधवार को कहा कि अगर वर्ष 2021 के लिए आपका आवेदन खारिज हो चुका है। अथवा आपका पंजीकरण तो पंजीकरण की तय अवधि में हो गया था लेकिन आपके एक अक्टूबर, 2020 से शुरू करने की अपील के कारण प्रशासनिक तौर पर उसे स्वीकार नहीं किया जा सका।

ऐसे सभी लोग सभी तय फीस के साथ अपने आवेदन को दोबारा जमा कर सकते हैं। यूएससीआइएस ने वर्ष 2020 में एच-1बी के लिए इलेक्ट्रानिक रेजिस्ट्रेशन प्रोसेस को लागू किया है। संभावित आवेदकों को एच-1बी वीजा के लिए उन्हें एडवांस डिग्री हासिल करने के लिए भी छूट दी जाएगी। लेकिन इसके लिए पहले इलेक्ट्रानिक रूप से पंजीकरण कराना होगा और 10 एच-1बी वीजा के लिए डालर में तय फीस चुकानी होगी। यूएससीआइएस के अनुसार वर्ष 2021 के लिए अपेक्षित तादाद से कम आवेदन आए थे। इसकी वजह कोविड-19 के दौर में अर्थव्यवस्था, राजनीतिक परिस्थितियां और जन स्वास्थ्य में अनिश्चितता भी बताई जा रही है।

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