चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने ताइवान के लिए उठाया ये कदम, बौखलाया ड्रैगन

ताइवान का लेकर वाशिंगटन और बीजिंग के मध्‍य खींचतान के बीच अमेरिका का यह बड़ा ऐलान है। अमेरिका ने कहा है कि चीन से बढ़ते टकराव व खतरे से निपटने के लिए यह फैसला लिया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 07:15 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 09:17 AM (IST)
चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने ताइवान के लिए उठाया ये कदम, बौखलाया ड्रैगन
चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने ताइवान के लिए उठाया ये कदम, बौखलाया ड्रैगन

ताइपेई, एजेंसी। संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका ने ताइवान के लिए सतह से हवा में मार करने वाली पैट्रियाट मिसाइलों के विकास के लिए 620 मिलियन डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी है।  ताइवान का लेकर वाशिंगटन और बीजिंग के मध्‍य खींचतान के बीच अमेरिका का यह बड़ा ऐलान है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि चीन से बढ़ते टकराव व खतरे से निपटने के लिए यह फैसला लिया है। अमेरिका के इस बयान के बाद अमेरिका और चीन के बीच रिश्‍ते और तल्‍ख होंगे।

चीन के सैन्‍य अभ्‍यास से उत्‍पन्‍न हुआ खतरा 

बीजिंग से बढ़ते सैन्‍य खतरे के बीच ताइवान ने अपनी सेना को अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। हाल में चीनी वायु सेना और नौसैनिक अभ्‍यास के बाद ताइवान भी चौंकन्‍ना हो गया है। चीन के इस अभ्‍यास से क्षेत्रीय सुरक्षा को भी खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ताइवान अब तक हमारी राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्‍व को पूरी तरह से प्रदर्शित करता रहा है। वह हमारी सुरक्षा साझेदरी को मजबूत करता है और संयुक्‍त रूप से शांति और स्थिरता बनाए रखता है।

ताइवान और अमेरिका में 620 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डील 

अमेरिका ने कहा है कि अमेरिकी मिसाइन के उन्‍नयन का जिम्‍मा लॉकहीड मार्टिन के जिम्‍मे होगा। मिसाइलों के उन्‍नयन में अनुमानित लागत 620 मिलियन अमेरिकी डॉलर आएगी। यह समझौता अमेरिकी राष्‍ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के अनुरूप है। इससे ताइवान के सशस्‍त्र बलों के आधुनिकीकरण और विश्‍वसनीय रक्षात्‍मक क्षमता में वृद्धि होगी। अपनी बढ़ी हुई क्षमता के कारण ताइवान चीन द्वारा उत्‍पन्‍न क्षेत्रीय खतरों से निपट सकेगा और अपनी मातृभूमि की रक्षा कर सकेगा। ताइवान सशस्‍त्र बलों को इस उपकरण को प्राप्‍त करने और इसके उपयोग में कोई कठिनाई नहीं होगी।

चीनी लड़ाकू विमान की ताइवान में गर्जना से सजग हुआ अमेरिका 

गौरतलब है कि ताइवान द्वीप के ऊपर 9 जून को अमेरिकी ट्रांसपोर्ट प्लेन के उड़ान भरने के कुछ घंटे बाद ही चीन ने पूरे ताइवान में लड़ाकू विमान भेज दिया। इससे क्षेत्र में कूटनीतिक और सैन्य तनाव काफी बढ़ गया है। इसके जवाब में ताइपे ने भी अपने जेट के जरिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एयर फोर्स को चेतावनी दी। रक्षा मंत्रालय के हवाले से ताइवान ने यह रिपोर्ट जारी की थी। इसके साथ ही ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस निर्मित सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को इलाका छोड़ने की चेतावनी दी गई और बाद में ताइवान एयर फोर्स के जेट ने घुसपैठियों (चीनी विमान) को दूर भागने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद से ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ गया है। 

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