रूस से अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन की वापसी का अहम फैसला, दोनों देशों में बढ़ रहा तनाव

अमेरिका के दूतावास के अनुसार रूस से अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन को अस्थायी तौर पर वापस बुलाया जा रहा है ताकि दोनों दोनों देशों के बीच तनाव को कम किया जा सके। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 01:59 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 01:59 PM (IST)
रूस से अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन की वापसी का अहम फैसला, दोनों देशों में बढ़ रहा तनाव
रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन का अहम फैसला, थोड़ेे दिनों के लिए लौटेंगे स्वदेश

वाशिंगटन, एएफपी। रूस और अमेरिका के बीच जारी तनाव के मद्देनजर मॉस्को (Moscow) में वाशिंगटन (Washington) के राजनयिक की अस्थायी स्वदेश वापसी होगी। अमेरिकी दूतावास  ने यह जानकारी दी। दूतावास के अनुसार, राजदूत जॉन सुलिवन (John Sullivan) ने अस्थायी तौर पर अमेरिका वापस लौटेंगे ताकि दोनों दोनों देशों के बीच  तनाव को कम किया जा सके। 

रूस ने अमेरिका के 10 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और आठ वरिष्ठ अधिकारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया। रूस में जिन अमेरिकी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है उनमें अमेरिकी जांच एजेंसी एफ़बीआई निदेशक और अमेरिका के अटॉर्नी जनरल भी हैं। अमेरिका की ओर से इस तरह की कार्रवाई के बाद रूस ने कहा था कि वो भी इसका जवाब देगा। दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। 22 मार्च को अमेरिका में रूसी राजदूत एनाटोली एंटोनोव (Anatoly Antonov)  वापस मॉस्को लौट गए थे। दरअसल, 17 मार्च को राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था कि 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखलंदाजी के लिए रूस को कीमत चुकानी होगी। 

बता दें कि पिछले सप्ताह अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने 10 रूसी राजनयिकों के निष्कासन और रूस के करीब तीन दर्जन लोगों और कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा कर दी। रूस पर अमेरिका की ओर से आरोप लगाया गया है कि पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप और संघीय एजेंसियों में सेंधमारी के पीछे मॉस्को का हाथ है और इसे  जवाबदेह ठहराने की दिशा में ही यह कार्रवाई की गई है। ऐसा माना जाता है कि रूसी सेंधमारों ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में सेंधमारी की थी ताकि वे कम से कम नौ एजेंसियों के नेटवर्को को हैक कर सकें और अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने अमेरिकी सरकार की गुप्त जानकारी जुटाने की कोशिश की। अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए एक अभियान की मंजूरी दी थी ताकि ट्रंप पुन: राष्ट्रपति बन सकें।

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