भारत के बाद श्रीलंका और मालदीव भी जाएंगे अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो

US India 2+2 Ministerial Dialogue 28 व 29 को भारत में अमेरिका के साथ होने वाली वार्ता के लिए वहां के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत आ रहे हैं। इसके बाद वे श्रीलंका व मालदीव भी जाएंगे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:31 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:31 PM (IST)
भारत के बाद श्रीलंका और मालदीव भी जाएंगे अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो
अगले सप्ताह अमेरिकी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री आ रहे हैं भारत

वाशिंगटन, एएनआइ। 25 से 29 अक्टूबर तक अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर ( US Secretary of Defense Mark T. Esper) व अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ( Mike Pompeo) भारत समेत अन्य देशों के दौरे पर रहेंगे। शुक्रवार को यह जानकारी अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने दी। नई दिल्ली में  हर साल की तरह भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता का आयोजन किया जाएगा जिसमें अमेरिकी  विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री एस्पर अपने भारतीय समकक्ष के साथ शामिल होंगे। 

 इस वार्ता का उद्देश्य अमेरिका-भारत की वैश्विक कूटनीतिक साझीदारी के विस्तार के साथ दुनिया और हिंद प्रशांत में स्थिरता और शांति स्थापित करने में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना है। भारत अमेरिका के बीच होने वाली इस  वार्ता (2+2 talks) का फोकस चार मुद्दों क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, रक्षा सूचना शेयरिंग, मिलिट्री टू मिलिट्री इंटरएक्शन और रक्षा व्यापार पर होगा। अमेरिका के इन शीर्ष मंत्रियों का  अगले हफ्ते भारत का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत के अलावा  श्रीलंका और मालदीव (Sri Lanka and Maldives) भी जाएंगे। 

27 अक्टूबर को भारत की मेजबानी में टू प्लस टू वार्ता का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर वार्ता के लिए 26 और 27 अक्टूबर को भारत में होंगे। भारत की ओर से इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रतिनिधित्व करेंगे। सबसे पहली टू-प्लस-टू  वार्ता वर्ष 2018 के सितंबर माह में दिल्ली में ही हुई थी। इसके बाद 2019 के दिसंबर माह में इसका आयोजन वाशिंगटन में ही किया गया था। मंत्री स्तरीय वार्ता का नया ढांचा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए आगे की ओर सोच रखने वाली दूरदृष्टि मुहैया करने को लेकर आरंभ किया गया । अब तीसरी बार यह वार्ता फिर से दिल्ली में ही हो रही है जिसमें दोनों पक्षों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र और भारत के पड़ोस के क्षेत्र के अलावा अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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