अमेरिकी अदालत ने एच1 बी वीजा पर ट्रंप काल के प्रस्ताव को किया रद, भारतीय पेशेवरों को मिलेगी राहत
कैलिफोर्निया की उत्तरी जिले की अदालत ने ट्रंप के प्रस्ताव को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उस समय कार्यवाहक होमलैंड सिक्योरिटी सचिव चाड वुल्फ कानूनी रूप से अपने पद पर कार्य नहीं कर रहे थे ।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की संघीय अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एच 1 बी वीजा नियमों में बदलाव के प्रस्ताव को रद कर दिया है। ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में लाटरी सिस्टम को खत्म कर वेतन स्तर आधारित चयन प्रक्रिया को लागू करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के रद होने से भारतीय पेशेवरों को बहुत राहत मिलेगी।
कैलिफोर्निया की उत्तरी जिले की अदालत ने ट्रंप के प्रस्ताव को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उस समय कार्यवाहक होमलैंड सिक्योरिटी सचिव चाड वुल्फ कानूनी रूप से अपने पद पर कार्य नहीं कर रहे थे।
एच 1 बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को देश में रहने की अनुमति देता है। भारत से हजारों पेशेवर इसी वीजा पर काम करने के लिए अमेरिका जाते हैं। अमेरिका में हर वर्ष 65 हजार ऐसे वीजा जारी करने की सीमा तय है। इसके अलावा 20 हजार वीजा उच्च डिग्री वाले पेशेवरों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच 1 बी वीजा में बदलाव का प्रस्ताव अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में किया था। इसके बाद इस प्रस्ताव को लेकर काफी विरोध किया गया था।
H1 B वीजा के लिए जारी हुए थे आवेदन
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने एक बयान में कहा था कि हमें 2022 के वित्त वर्ष तक अतिरिक्त आवेदनों का चयन करने की आवश्यकता है। संघीय एजेंसी ने कहा था कि केवल वित्त वर्ष 2022 के लिए वैकल्पिक पंजीकरण वाले आवेदक ही एच-1बी वर्क वीजा के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। वित्त वर्ष 2022 के लिए पंजीकरण करने वालों के लिए पहली आवेदन अवधि एक अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 तक थी।
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