अमेरिका ने पी-5 देशों से तालिबान को जवाबदेह ठहराने के लिए एकजुट होने की अपील की, जानें क्या कहा
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के स्थायी सदस्यों से अफगानिस्तान में जारी संकट और तालिबान को उसकी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए एकजुटता की अपील की। जानें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने क्या कहा...
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के स्थायी सदस्यों से अफगानिस्तान में जारी संकट और तालिबान को उसकी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए एकजुटता की अपील की। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में बदहाली की मार से जूझ रहे लोगों की इंसानियत के नाते मदद करने को लेकर आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।
मालूम हो कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस को पी-5 के नाम से जाना जाता है। ये पांचों देश संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्य हैं और इन्हें वीटो पावर इस्तेमाल करने की छूट है। बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दुनिया में शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए रचनात्मक पी-5 की एकजुटता और कार्रवाई पर जोर दिया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के लिए पी-5 देशों की ओर से साझा अपेक्षाओं पर भी जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय 76वें सत्र से इतर पी-5 देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक की अध्यक्षता ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी इस दौरान उपस्थित रहे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में पैदा हुए मानवीय संकट से निपटने के लिए पी-5 देशों से आपस में समन्वय की अपील की और समावेशी सरकार के लिए साझा अपेक्षाओं की जरूरत बताई।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि जैसा कि परिषद का स्पष्ट संकल्प है। हम सभी अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता वाली एक सरकार चाहते हैं। हम ऐसा अफगानिस्तान चाहते हैं जहां समावेशी सरकार हो जिसमें विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। इसमें महिलाओं के अधिकारों का सम्मान हो। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान आंतकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह ना बनने पाए। ये ऐसे चिंताएं हैं जिस पर मुझे लगता है कि हर सदस्य देश सहमत होगा।