एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिका ने उठाया एक बड़ा कदम
चीन लगातार एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी पैंठ को बढ़ाने की कोशिश में लगा है। इसको लेकर अमेरिका काफी चिंतित है। यही वजह है कि अब अमेरिका ने चीन को रोकने के लिए अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर ग्रेटर को-आपरेशन बनाने का फैसला किया है।
वाशिंगटन (एएनआई)। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे को भांपते हुए अब अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर एक ग्रेटर कोआपरेशन बनाने की अपील की है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए ये कदम उठाया है। अमेरिका के ये कदम उठाने की एक बड़ी वजह उसकी सैना के दम पर सीनाजोरी भी है। अमेरिका का रक्षा मंत्रालय ने इस बाबत एक बयान जारी कर कहा है कि चीन की सेना की आक्रामकता को रोकने और इस पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ये बेहद जरूरी है। इसके लिए अमेरिका ने आस्ट्रलिया और प्रशांत क्षेत्र के द्वीपों पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने और रोटेशपल बेस पर एयरक्राफ्ट की तैनाती की योजना तैयार की है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सितंबर में ही इस योजना को तैयार कर लिया गया था।
इसके अलावा रक्षा मंत्री लाएड आस्टिन ने यहां पर रोटेशन बेसा पर अटैकिंग हेलीकाप्टर की स्क्वार्डन तैनात करने, रिपब्लिक आफ कोरिया में आर्टिलरी हैडक्वार्टर को स्थायी बनाने की भी घोषणा इसी वर्ष की गई थी। इसी वर्ष मार्च में ही अमेरिकी रक्षा मंत्री लाएड आस्टिन ने चीन के बढ़ते कदमों की आहट के मद्देनजर इनको मंजूरी दी थी। चीन को रोकने के मकसद से अमेरिका की योजना आस्ट्रेलिया में मिलिट्री बेस को अत्याधुनिक रूप देने की भी है। साथ ही चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए अमेरिका गुआम में सैन्य क्षमता को मजबूत करना चाहता है।
बीते कुछ माह से चीन के मुद्दे पर विचार करने के बाद अमेरिकी सरकार और रक्षा मंत्रालय इस नतीजे पर पहुंचा है कि चीन को हर हाल में रोकना बेहद जरूरी है। बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव है। इसमें चीन में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों के अलावा ताइवान और दक्षिणी चीन सागर का भी मुद्दा शामिल है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन से बात करते हुए कहा है कि चीन लगातार अपनी सेना का आधुनिकिकरण कर रहा है। एक सप्ताह पहले ही अमेरिका ने चीन के इन कदमों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। साथ ही चीन की टेनिस स्टार पेंग शुई के अचानक गायब होने पर भी अमेरिका ने चिंता जताई थी।