भारतीय नौसेना की बढ़ेगी मारक क्षमता, हार्पून मिसाइल बेचने पर अमेरिका ने लगाई मुहर
अमेरिका ने भारत को 82 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के हार्पून जॉइंट कॉमन टेस्ट सेट की बिक्री को मंजूरी दे दी है। हार्पून मिसाइल दुनिया की सबसे सफल जहाज-रोधी मिसाइल है और 30 से अधिक देशों के सशस्त्र बलों के साथ सेवा में है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका ने भारत को हार्पून मिसाइल और इससे जुड़े उपकरणों की बिक्री पर मुहर लगा दी है। इसकी अनुमानित कीमत 8.2 करोड़ डालर (करीब 600 करोड़ रुपये) है। अमेरिका ने कहा कि इस फैसले से द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी भी बढ़ेगी। यह माना जा रहा है कि इस एंटी-शिप मिसाइल के मिलने से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता और बढ़ जाएगी।अमेरिकी सरकार के बयान के अनुसार, रक्षा विभाग पेंटागन की डिफेंस सिक्यूरिटी को आपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने इस बिक्री के बारे में सोमवार को संसद को अधिसूचित किया।
डीएससीए के अनुसार, भारत सरकार ने एक हार्पून ज्वाइंट कामन सेट की खरीद के लिए आग्रह किया था। इस प्रस्तावित खरीद से भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी और अहम रक्षा साझेदार की सुरक्षा बेहतर होगी। हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए यह महत्वपूर्ण है। जबकि अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इस प्रस्तावित खरीद से मौजूदा और भविष्य के खतरों से निपटने में भारत की क्षमता बढ़ेगी।
हार्पून मिसाइल की खासियत
हार्पून एक एंटी-शिप मिसाइल है, इसकी पहली तैनाती 1977 में हुई थी-रडार निर्देशित यह मिसाइल सभी मौसम में मार करने में सक्षम है-यह दुनिया की सबसे सफल एंटी-शिप मिसाइल बताई जाती है-30 से ज्यादा देशों के सशस्त्र बलों में इसकी तैनाती है।