दुनिया भर में और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है कोरोना महामारी : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि कोरोना महामारी इस साल करीब और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। जानें कोरोना से दुनिया पर कितना पड़ेगा असर...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 06:04 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 06:04 AM (IST)
दुनिया भर में और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है कोरोना महामारी : संयुक्त राष्ट्र
दुनिया भर में और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है कोरोना महामारी : संयुक्त राष्ट्र

रोम, एपी। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा है कि कोरोना महामारी इस साल करीब और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो पिछले साल दुनियाभर में भुखमरी के कगार पर पहुंचे लोगों की संख्या में करीब एक करोड़ का इजाफा हुआ था। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने यह आकलन खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति पर हालिया रिपोर्ट के बाद जारी किया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की पांच एजेंसियों की ओर से यह रिपोर्ट को सोमवार को जारी की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में मौजूदा आर्थिक परिदृश्य बताते हैं कि महामारी के कारण साल 2020 में कुपोषण तालिका में 8.3 करोड़ से 13.2 करोड़ लोगों का इजाफा हो सकता है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक, पिछले साल करीब 69 करोड़ लोग भुखमरी की चपेट में रहे थे। यह संख्‍या पूरी दुनिया की आबादी का करीब नौ फीसद है। साल 2018 से इसमें करीब एक करोड़ जबकि साल 2014 से करीब छह करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्टों पर नजर डालें तो पाते हैं कि दशकों तक भूखमरी के सूचकांक में लगातार गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन साल 2014 से भुखमरी के आकंड़ों में बढ़ोत्तरी होनी शुरू हुई। संयुक्‍त राष्‍ट्र के आंकड़े बताते हैं कि भुखमरी के आकंड़ों में बढ़ोत्तरी अभी भी जारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया में सर्वाधिक कुपोषित आबादी रहती है। अनुमान है कि एशिया में 38.1 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कोरोना संकट के कारण विश्व में 'ग्लोबल फूड इमरजेंसी' से बचने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि दुनिया में 82 करोड़ लोग भूखे हैं। मौजूदा वक्‍त में दुनिया में जो हालात हैं उससे पांच साल से कम उम्र के लगभग 14.4 करोड़ बच्चों का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा था कि कोरोना ने इस स्थिति को और भी बुरा बना दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा था‍ कि पूरी दुनिया में करीब आठ करोड़ लोग रिफ्यूजी हैं। यही नहीं वर्ष 2019 में विभिन्‍न हालातों की वजह से करीब एक करोड़ लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह बसने को मजबूर हुए हैं। 

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