यूएन महासचिव की विशेष दूत ने म्‍यांमार के हालात पर जताई चिंता, कहा तत्‍काल कार्रवाई की जरूरत

म्‍यांमार के लिए यून महासचिव की विशेष दूत क्रिस्टिना बर्गनर ने सुरक्षा परिषद में तत्‍काल कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि हर रोज हालात बेहद खराब हो रहे हैं। लोगों का संकट लगातार बढ़ रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:12 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:12 PM (IST)
यूएन महासचिव की विशेष दूत ने म्‍यांमार के हालात पर जताई चिंता, कहा तत्‍काल कार्रवाई की जरूरत
यूएन महासचिव की विशेष दूत क्रिस्टिना श्रेनर बर्गनर

न्‍यूयॉर्क (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। म्‍यांमार में जारी संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस की विशेष दूत क्रिस्टिना श्रेनर बर्गनर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद से समय रहते म्‍यांमार में जरूरी कार्रवाई की अपील की है। म्‍यांमार के मसले पर बुलाई गई एक बैठक के दौरान उन्‍होंने वहां के हालातों पर गंभीर चिंता व्‍यक्‍त की और चेतावनी भी दी कि कहीं इसमें देर न हो जाए। उनके मुताबिक म्‍यांमार में लोगों को बेहद कष्‍ट भरे माहौल का हर रोज सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे में हुई बैठक के बाद उन्‍होंने इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में साझा की। उन्‍होंने कहा कि म्‍यांमार में 1 फरवरी 2021 को सेना द्वारा तख्‍तापलट की कार्रवाई हुई थी। तब से लेकर अब तक देश में 600 लोगों की मौत हो चुकी है और सेना और सुरक्षा बलों ने छह हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक करीब 5 हजार लोग अब भी हिरासत में हैं। करीब सौ लोगों के बारे में उनके परिवार को कोई जानकारी ही नहीं है। करीब दस हजार शरणार्थी अब तक भारत समेत अन्‍य पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। प्रेस कांफ्रेंस को जानकारी देते हुए क्रिस्टिना ने कहा कि उन्‍होंने सुरक्षा परिषद को इस संबंध में जल्‍द कार्रवाई की अपील की है, जो बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि जमीनी स्‍तर पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। म्‍यांमार में स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली पूरी तरह से चरमरा गई है और खाद्य सुरक्षा को भी गंभीर खतरा है। हजारों की संख्‍या में लोगों के के भुखमरी की कगार पर पहुंचने का खतरा है। मौजूदा महामारी की वजह हालात और खराब हो सकते हैं। सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्‍होंने म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार से अपील की कि वो तत्‍काल सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करे।

क्रिस्टिना ने कहा कि म्‍यांमार में ऐसी हिंसा पहले कभी नहीं देखी गई है। उन्‍होंने कहा कि म्‍यांमार में चल रहे खूनी खेल में जातीय सशस्त्र गुट भी शामिल हैं जिन पर सैन्य हवाई कार्रवाई के दौरान हमला हुआ था। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में ये भी बताया कि हाल ही में इंडोनेशिया में उनकी सेना के कमांड-इन-चीफ से इस बाबत खुलकर चर्चा हुई थी जो आगे भी जारी रहेगी। इस बीच शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पारित कर म्‍यांमार के हालातों पर चिंता जताई गई और सेना द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग की घोर निंदा की गई। सुरक्षा परिषद और महासभा ने विशेष दूत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के क्षेत्रीय संगठन द्वारा म्‍यांमार में किये जा रहे प्रयासों का समर्थन भी किया है।

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