संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बोले- दुनिया की 40 फीसद आबादी नहीं उठा सकती स्वस्थ भोजन का खर्च
विश्व खाद्य दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस भोजन की कमी तेजी से बढ़ रही है और कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभावों ने खराब स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। 14 करोड़ लोगों को अपनी भोजन तक पहुंचने में असमर्थ है।
न्यूयार्क, एएनआइ / सिन्हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने शनिवार को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर स्थायी खाद्य प्रणालियों की दिशा में किए गए सकाोरात्मक बदलाव को सराहा है। एक वीडियो संदेश में गुटेरेस ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस दुनिया में न केवल प्रत्येक व्यक्ति को भोजन के महत्व की याद दिलाता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए कार्रवाई का आह्वान भी करता है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया की लगभग 40 फीसद (3 अरब) आबादी स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकती। भोजन की कमी तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही कुपोषण और मोटापा भी बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभावों ने खराब स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी ने अतिरिक्त 140 मिलियन (14 करोड़) लोगों को अपनी जरूरत के भोजन तक पहुंचने में असमर्थ कर दिया है।
गुटेरस ने कहा कि जिस तरह से हम भोजन का उत्पादन, उपभोग और बर्बादी कर रहे हैं, वह हमारे ग्रह पर भारी पड़ रहा है। यह हमारे प्राकृतिक संसाधनों, जलवायु और प्राकृतिक पर्यावरण पर ऐतिहासिक दबाव डाल रहा है और हमें हर साल खरबों डालर का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसा कि इस वर्ष की थीम स्पष्ट करती है, परिवर्तन की शक्ति हमारे हाथ में है। इस वर्ष के विश्व खाद्य दिवस की थीम है हमारे कार्य हमारा भविष्य हैं।
पिछले महीने दुनिया संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित हुई। देशों ने खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए साहसिक प्रतिबद्धताएं जताई। स्वस्थ आहार को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए प्रयास, उत्पादन और प्रसंस्करण से लेकर विपणन, परिवहन और वितरण, हर कदम पर खाद्य प्रणालियों को अधिक कुशल, लचीला और टिकाऊ बनाने पर जोर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हम बदलाव तभी कर सकते हैं जब हम यह तय कर लें कि हमें भोजन का उपभोग कैसे करना है। हम खाद्य प्रणालियों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए परिवर्तनकारी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हर व्यक्ति के लिए बेहतर पोषण, बेहतर वातावरण और बेहतर जीवन प्रदान करते हैं।