अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप को एक दिन में लगे दो झटके, टैक्स रिकार्ड की जांच को हरी झंडी

अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार के दिन दो झटके लगे। न्याय विभाग ने उनके छह साल के टैक्स रिकार्ड की जांच को हरी झंडी दे दी। साथ ही 2020 के अंतिम दिनों का वह रिकार्ड भी सार्वजनिक हो गया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:36 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 12:52 AM (IST)
अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप को एक दिन में लगे दो झटके, टैक्स रिकार्ड की जांच को हरी झंडी
अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार के दिन दो झटके लगे।

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार के दिन दो झटके लगे। न्याय विभाग ने उनके छह साल के टैक्स रिकार्ड की जांच को हरी झंडी दे दी। साथ ही 2020 के अंतिम दिनों का वह रिकार्ड भी सार्वजनिक हो गया जिसमें राष्ट्रपति के चुनाव परिणाम को पलटने के लिए ट्रंप के अधिकारियों पर दबाव डालने के सुबूत हैं। रियल एस्टेट कारोबारी से राजनीति में आए ट्रंप के टैक्स रिकार्ड की जांच अब संसदीय समिति कर सकेगी। खुद को इससे बचाने के लिए राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप ने काफी कोशिश की थी।

न्यूयॉर्क की मैनहट्टन कोर्ट में सुनवाई भी हुई थी। ट्रंप का तर्क था कि राष्ट्रपति के रूप में उन्हें अपने टैक्स रिकार्ड गोपनीय रखने की छूट प्राप्त है। बीते 40 वर्षो में ट्रंप पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने अपने टैक्स रिकार्ड दिखाने में आनाकानी की। इसके जरिये वह अपनी संपत्ति और अपनी परिवार के कारोबार को गुप्त रखना चाहते थे। शुक्रवार को ही कार्यकारी डिप्टी अटार्नी जनरल रिचर्ड डोनोगस के दिसंबर 2020 में हाथ से लिखे नोट भी सार्वजनिक हुए।

संसद की सुधार समिति के समक्ष रखे गए इन नोट (टिप्पणियों) में ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के लिए न्याय विभाग के अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। उन दिनों ट्रंप और उनके सहयोगियों ने भ्रष्ट तरीके से चुनाव परिणामों को पलटने के लिए अधिकारियों पर लगातार दबाव डाला।

ट्रंप ऐसा कर वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन को हराना चाहते थे। अमेरिका में चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए राष्ट्रपति के प्रयास करने की यह अप्रत्याशित घटना थी। चुनाव परिणामों की घोषणा के दौरान ट्रंप और उनके सहयोगी न्याय विभाग से प्रक्रिया में फायदा दिलाने के लिए लगातार दबाव डालते रहे।

27 दिसंबर को तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने कार्यकारी अटार्नी जनरल जेफ्री रोजेन को फोन कर कहा, चुनावों को भ्रष्ट करार दे दो, बाकी सब मेरे और रिपब्लिकन सांसदों पर छोड़ दो। इसके कुछ दिन पहले ही रोजेन की अपने पद पर नियुक्ति हुई थी। लेकिन रोजेन ने साफ कह दिया कि न्याय विभाग चुनाव परिणामों को नहीं बदल सकता। ट्रंप के प्रतिनिधि ने इन बातों के सार्वजनिक होने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। 

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