ट्रंप समर्थकों के डर से ट्विटर कर्मियों ने अपने अकाउंट किए लॉक, अधिकारियों को दी गई व्यक्तिगत सुरक्षा
अमेरिकी संसद हिंसा के बाद तीन सौ ट्विटर कर्मचारियों ने कंपनी में साझा हस्ताक्षर करते हुए अकाउंट बंद करने के लिए आंतरिक याचिका दी थी। ट्रंप का अकाउंट बंद करने को लेकर सीइओ जेक डोरसे पहले राजी नहीं थे।
सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया में ट्रंप समर्थकों के संसद परिसर (कैपिटल हिल) में हिंसक प्रदर्शन के बाद इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के कर्मचारी भी खौफ में हैं। ट्रंप का अकाउंट लॉक करने के बाद ट्विटर के तमाम कर्मचारियों ने उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया के भय से अपने अकाउंट लॉक कर दिए हैं। कई अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें ट्विटर ने व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान की है। ट्विटर को आशंका है कि उसके अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रंप समर्थक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से निशाना बना सकते हैं।
ज्ञात हो कि 8 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। अपने समर्थकों को हिंसा के लिए प्रेरित करने और लगातार कई ट्वीट करने के बाद अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद ट्विटर ने यह निर्णय लिया था।
ट्रंप का अकाउंट बंद करने को लेकर दायर की गई थी आंतरिक याचिका
हिंसा के बाद तीन सौ ट्विटर कर्मचारियों ने कंपनी में साझा हस्ताक्षर करते हुए अकाउंट बंद करने के लिए आंतरिक याचिका दी थी। ट्रंप का अकाउंट बंद करने को लेकर सीइओ जेक डोरसे पहले राजी नहीं थे। बाद में ट्रंप ने जब लगातार कई ऐसे ट्वीट किए जो समर्थकों को भड़काने वाले थे, तब वे इस निर्णय से सहमत हुए। जेक डोरसे ने कहा कि यह निर्णय लेते हुए हमें अच्छा नहीं लगा, लेकिन निर्णय सही समय पर लिया गया।
ट्विटर के अनुसार वाशिंगटन स्थित
कैपिटल हिल पर हिंसा के बाद सत्तर हजार से ज्यादा अकाउंट बंद किए गए। हिंसा की वारदातों को रोकने के लिए ऐसा जरूरी था।