बंधक माइकल व्‍हाइट की रिहाई पर ईरान पर पिघल गए राष्‍ट्रपति ट्रंप, बोले- थैंक्‍स

अमेरिका और ईरान के बीच कैदी की अदला-बदली के मुद्दे पर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि अब वाशिंगटन को ईरानी बंधकों छोड़ने की पहल करनी चाहिए।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 10:37 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 10:37 AM (IST)
बंधक माइकल व्‍हाइट की रिहाई पर ईरान पर पिघल गए राष्‍ट्रपति ट्रंप, बोले- थैंक्‍स
बंधक माइकल व्‍हाइट की रिहाई पर ईरान पर पिघल गए राष्‍ट्रपति ट्रंप, बोले- थैंक्‍स

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने गुरुवार को अमेरिकी बंधक माइकल व्‍हाइट को रिहा करने पर ईरान को धन्‍यवाद दिया है। उन्‍होंने ट्वीट करके ईरान के इस कदम को सराहा। उन्‍होंने कहा कि माइकल को रिहा करने की सूचना हमें फोन पर मिली है। माइकल की जल्‍द ही अमेरिकी विमान से घर वापस लाया जाएगा।  आएगा। उन्‍होंने कहा कि जब से मैंने पदभार संभाला है संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए हम अब तक 40 से अधिक अमेरिकी बंधकों और बंदियों को घर वापस ले आए हैं। इसके लिए मैं ईरान को धन्यवाद देता हूं।  ईरान से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप की यह सराहना काफी अहम है।

अमेरिका और ईरान के बीच कैदी की अदला-बदली के मुद्दे पर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि अब वाशिंगटन को ईरानी बंधकों छोड़ने की पहल करनी चाहिए।  विदेश मंत्री जरीफ ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच कैदी की अदला-बदली की कोई समस्या नहीं है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए हमें वार्ता आयोजित करने की जरूरत नहीं है। 

गौरतलब है कि बुधवार को अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा गिरफ्तार किए गए ईरानी वैज्ञानिक सिरस असगरी को रिहा कर दिया गया। इस कैदी की अदला-बदली एक ऐसे समय में हुई है, जब ट्रंप द्वारा प्रतिबंधों को लागू करने के खिलाफ अभियान चलाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। 2018 में ट्रंप प्रशासन ने एकतरफा रूप से 2015 के ईरान परमाणु समझौते को वापस ले लिया, जिसे यूएस (यूके), फ्रांस, रूस, चीन, जर्मनी और यूरोपीय संघ और ईरान के बीच हस्ताक्षरित जेसीपीओए के रूप में जाना जाता है।

बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बढ़ने की एक बड़ी वजह उसके नागरिकों को बंधक बनाया जाना भी है। दरअसल, ईरान ने अमेरिका द्वारा संबंध तोड़े जाने के बाद उसके दूतावास में मौजूद सभी अमेरिकियों को बंधक बना लिया था। अमेरिका ने कई बार इन बंधकों की रिहाई को लेकर ईरान को कहा लेकिन ईरान ने हर बार उसकी अपील को ठुकरा दिया। 1981 में जब अमेरिका में रोनाल्ड रीगन को अमेरिकी राष्ट्रपति चुना गया तो करीब 444 दिनों बाद इन बंधकों को ईरान ने छोड़ दिया।  

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