ट्रंप ने कहा- चीन, भारत और रूस जैसे देशों का कचरा समुद्र से हमारे यहां आता है

अमेरिकी राषट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन भारत और रूस जैसे देशों का कचरा समुद्र से लॉस एंजसलिस आ रहा है। ट्रंप ने कहा कि ये देश इसपर रोक लगाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 09:51 AM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 09:56 AM (IST)
ट्रंप ने कहा-   चीन, भारत और रूस जैसे देशों का कचरा समुद्र से हमारे यहां आता है
ट्रंप ने कहा- चीन, भारत और रूस जैसे देशों का कचरा समुद्र से हमारे यहां आता है

न्यूयॉर्क, एजेंसी। अमेरिकी राषट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन, भारत और रूस जैसे देशों का कचरा समुद्र से लॉस एंजसलिस आ रहा है। ट्रंप ने कहा कि ये देश इसपर रोक लगाने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन को बहुत जटिल मुद्दा करार देते हुए, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोई माने या न माने वह खुद को कई मायनों में खुद एक पर्यावरणविद मानते हैं।   

ट्रंप ने कहा कि वह धरती पर स्वच्छ हवा चाहता हैं। इसके साथ-साथ यहां स्वच्छ पानी भी होना चाहिए। उन्होंने यह बात मंगलवार को न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में एक टिप्पणी में कही।

पेरिस जलवायु समझौते की आलोचना

पेरिस जलवायु समझौता से बाहर होने को लेकर ट्रंप ने इसकी काफी आलोचना की। ट्रंप ने इस दौरान कहा कि अमेरिका एक-तरफा, भयानक और आर्थिक रूप से अनुचित पेरिस जलवायु समझौते बाहर हो गया। इससे अमेरिकी नौकरी को खत्म किया। अमेरिका लिए यह किसी त्रासदी से कम नहीं था। इससे अमेरिका का काफी नुकसान होता। अमेरिका ने पिछले सप्ताह औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र को 2015 के पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने के लिए अधिसूचित किया था। यह एक ऐतिहासिक वैश्विक समझौता है, जो भारत सहित 188 देशों को ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए एक साथ खड़ा किया था।

ट्रंप ने कहा- हम विकासशील राष्ट्र हैं

ट्रंप ने कहा, 'यह समझौता बहुत अनुचित है। इसमें 2030 तक चीन शामिल नहीं होता। रूस 1990 के दशक में वापस चला जाता है, जहां आधार वर्ष दुनिया में अब-तक का सबसे गंदा साल था। भारत, हम उन्हें पैसे देने वाले हैं क्योंकि वे एक विकासशील राष्ट्र हैं। मैंने कहा, हम विकासशील राष्ट्र हैं।']

 कुछ नहीं कर रहे  चीन, भारत और रूस जैसे देश

ट्रंप ने कहा, 'जब लोग उनसे पर्यावरण को लेकर सवाल पूछते हैं तो हमेशा कहता हूं आप जानते हैं, मुझे थोड़ी समस्या है। हमारे पास काफी कम जमीन है। और आप इसकी तुलना चीन और कुछ अन्य देशों जैसे भारत, रूस से करते हैं जो प्रदूषण से लड़ने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए बिल्कुल कुछ नहीं कर रहे हैं। कोई भी इसपर ध्यान नहीं देता। सभी हमारे देश के बारे में बात करते हैं। हमें इसके खिलाफ कदम उठाना होगा।'

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