सीनेट पहुंचा ट्रंप का महाभियोग मामला, रिपब्लिकन पर दिख रहा ट्रंप का प्रभाव; बदला-बदला सा है उनका रुख

US कैपिटल में हुई हिंसा के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना तो हुई ही अब उनका ऐतिहासिक ट्रायल भी शुरू होगा। दरअसल सोमवार देर रात डेमोक्रेट ने सीनेट में ट्रंप के खिलाफ अभियोग का मामला पेश किया लेकिन रिपब्लिकन सांसदों के रवैये में बदलाव दिखा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 11:34 AM (IST)
सीनेट पहुंचा ट्रंप का महाभियोग मामला, रिपब्लिकन पर दिख रहा ट्रंप का प्रभाव; बदला-बदला सा है उनका रुख
ट्रंप के प्रभाव में दिख रहे रिपब्लिकन

वाशिंगटन, एपी। एक ओर जहां डेमोक्रेट अपने पहले वाले फैसले पर अडिग हैं वहीं रिपब्लिकन का रुख बदला बदला सा महसूस हो रहा है। दरअसल, एक सप्ताह पहले जिस तरह से ट्रंप समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर हमला बोला था उसके बाद दोनों पार्टियों ने एक सुर में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की निंदा की थी। यूएस कैपिटल में हुई हिंसा के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना तो हुई ही अब उनका ऐतिहासिक ट्रायल भी शुरू होगा। दरअसल, सोमवार देर रात डेमोक्रेट ने सीनेट में ट्रंप के खिलाफ अभियोग का मामला पेश किया लेकिन रिपब्लिकन सांसदों के रवैये में बदलाव दिखा। अब तक ट्रंप की आलोचना करने वाले रिपब्लिकन जो उन्हें 6 जनवरी को हुए हिंसक घटना को लेकर दोषी ठहरा रहे थे अब बदल गए हैं। इससे ट्रंप का अपनी पार्टी पर प्रभाव स्पष्ट दिख रहा है। सीनेट ट्रायल में बहस की शुरुआत 8 फरवरी से होगी।

बता दें कि ट्रंप पर अमेरिकी संसद परिसर यूएस कैपिटल में हमला करने के लिए उकसाने का आरोप है जिसे सदन में 197 के मुकाबले 232 वोटों से पारित कर दिया गया। 10 रिपब्लिकन सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था। उस वक्त उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जांच  करने का कहकर कानून तोड़ा था। हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था लेकिन उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के खिलाफ वोट नहीं दिया था। अमेरिका के इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनपर एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ। 

25वें संशोधन के अनुसार, उप राष्ट्रपति और कांग्रेस (Congress) की एक कमेटी बनाकर नाकाबिल राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है। इसके तहत उप राष्ट्रपति और कैबिनेट कमिटी के बहुमत को अधिकार है कि वो मौजूदा राष्ट्रपति को नाकाबिल होने के आधार पर हटा सकते हैं।

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