सबसे कम आजाद इलाकों की सूची में तिब्बत दूसरे नंबर पर, अमेरिकी संस्था फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट

तिब्बत दुनिया में सबसे कम स्वतंत्रता वाले इलाकों की सूची में दूसरे नंबर पर है। यह सूची वाशिंगटन की संस्था फ्रीडम हाउस ने तैयार की है। यह संस्था विश्व में राजनीतिक अधिकारों और स्वतंत्रता की स्थिति पर नजर रखती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:50 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:27 AM (IST)
सबसे कम आजाद इलाकों की सूची में तिब्बत दूसरे नंबर पर, अमेरिकी संस्था फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट
तिब्बत दुनिया में सबसे कम स्वतंत्रता वाले इलाकों की सूची में दूसरे नंबर पर है।

वाशिंगटन, एएनआइ। तिब्बत दुनिया में सबसे कम स्वतंत्रता वाले इलाकों की सूची में दूसरे नंबर पर है। यह सूची वाशिंगटन की संस्था फ्रीडम हाउस ने तैयार की है। यह संस्था विश्व में राजनीतिक अधिकारों और स्वतंत्रता की स्थिति पर नजर रखती है। तिब्बत पर चीन का अधिपत्य है और वहां की निर्वासित सरकार भारत से काम करती है। फ्रीडम इन द व‌र्ल्ड 2021 : ए लीडरलेस स्ट्रगल फॉर डेमोक्रेसी, शीर्षक वाली रिपोर्ट में पूरी दुनिया में राजनीतिक स्वतंत्रता की स्थिति का विश्लेषण किया गया है।

इसमें शून्य से एक सौ तक मानक अंक निर्धारित किए गए हैं। जिन इलाकों को शून्य दिया गया है उसका मतलब है कि वहां सबसे कम स्वतंत्रता है, जबकि 100 के करीब के देशों में पर्याप्त राजनीतिक स्वतंत्रता मानी गई है। पूरी दुनिया में सीरिया सबसे कम स्वतंत्रता वाला देश माना गया है। वहां के लोग भिन्न-भिन्न विचारों वाले सशस्त्र गुटों के दबाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं और अपने मन की बात किसी से नहीं कह पाते।

सीरिया के अलग-अलग टुकड़ों में बशर अल असद की सरकार और सशस्त्र संगठनों का कब्जा है, जो वर्षो से आपस में लड़ रहे हैं। जबकि तिब्बत पर चीन का कब्जा है और वहां पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के निर्णय लागू किए जाते हैं, जिनमें स्थानीय लोगों की कोई भागीदारी नहीं होती है।

तिब्बत के लोगों के अपने कोई अधिकार नहीं है, न ही वे धार्मिक रूप से स्वतंत्र हैं। यहां तक कि तिब्बत के लोगों संतानोत्पत्ति के लिए भी चीन सरकार के निर्देशों का पालन करना होता है। एक अंक पाए तिब्बत के नीचे सिर्फ सीरिया है। 2020 में दुनिया के कुल 200 देशों और क्षेत्रों की स्थिति पर संस्था ने रिपोर्ट तैयार की है। इनमें से 83 देश और एक इलाका स्वतंत्र की श्रेणी में रखा गया है। जबकि 63 देश और चार क्षेत्र आंशिक रूप से स्वतंत्र की श्रेणी में रखे गए हैं। बाकी 49 देश और दस इलाकों को स्वतंत्र नहीं का दर्जा दिया गया है।

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