अंतरिक्ष में सितारों की सुनहरी दुनिया, नासा के हबल टेलिस्कोप से लिया गया अद्भुत वीडियो, हजारों लोगों ने देखा

नासा ने एंड्रोमेडा गैलेक्सी ने इस वीडियो को जारी किया है। वीडियो में इतने सितारे दिखाई दे रहे हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि अंतरिक्ष में सितारों का कोई मेला लगा हो। इसमें सितारों के पीछे की तरफ दूसरी आकाशगंगा और धूल के कण भी नजर दिख रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:31 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:38 PM (IST)
अंतरिक्ष में सितारों की सुनहरी दुनिया, नासा के हबल टेलिस्कोप से लिया गया अद्भुत वीडियो, हजारों लोगों ने देखा
अंतरिक्ष में सितारों की सुनहरी दुनिया, नासा के हबल टेलिस्कोप से लिया गया अद्भुत वीडियो।

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के हबल टेलिस्‍कोप ने एंड्रोमेडा गैलेक्सी के एक हिस्से में लाखों तारों को कैप्चर किया है। अंतरिक्ष का यह अद्भुत नजारा है। नासा ने एंड्रोमेडा गैलेक्सी के इस वीडियो को जारी किया है। इस वीडियो में इतने सितारे दिखाई दे रहे हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि अंतरिक्ष में सितारों का कोई मेला लगा हो। इस वीडियो में सितारों के पीछे की तरफ दूसरी आकाशगंगा और धूल के कण भी दिख रहे हैं। नासा का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसे अब तक हजारों लोग देख चुके हैं।

अद्भुत वीडियो में स्‍टार मेला का दृष्‍य

नासा के इस वीडियो में इतने सितारे दिखाई दे रहे हैं कि जैसे कोई स्‍टार मेला लगा हो। इसमें लाल रंग में चमक रहे स्‍टार कुछ पुराने और धुधंले हैं, जबकि नीले रंग वाले तारों की उम्र अभी कम है। नासा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक घंटे पहले पोस्ट किए गए इस वीडियो को 16 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने इंस्टा पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि एंड्रोमेडा गैलेक्सी स्थानीय समूह की सबसे बड़ी गैलेक्‍सी है। हमारा मिल्की भी इसी गैलेक्सी से संबंधित है।

क्‍या है हबल टेल‍िस्‍कोप

बता दें कि नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अप्रैल 1990 में हबल स्पेस टेलीस्कोप को लांच किया था। इसे डिस्कवरी स्पेस शटल के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था। अमेरिकी एस्ट्रोनामर एडविन पोंवेल हबल के नाम पर इस टेलिस्कोप को हबल नाम दिया गया। यह नासा का एकमात्र ऐसा टेलिस्कोप है, जिसे अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है। 13.2 मीटर लंबा यह टेलिस्कोप 11 हजार किलोग्राम वजन का है। यह धरती की लोवर आर्बिट में परिक्रमा करता है। इस वर्ष जून में इस टेलिस्‍कोप में खराबी आ गई थी। बीते 30 वर्षों से अंतरिक्ष में रहकर कई अहम जानकारियां जुटाने और खोज करने वाले हबल टेलिस्‍कोप ने काम करना अचानक बंद कर दिया। इसकी वजह 1980 के दशक के एक कंप्‍यूटर में आई खराबी थी, लेकिन बाद में इसे ठीक कर लिया गया। हबल स्पेस टेलीस्कोप पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरणों का परिचालन पुनः शुरू कर दिया। इसे गैलीलियो के टेलीस्कोप के बाद खगोल विज्ञान में सबसे महत्त्वपूर्ण प्रगति माना जाता है। यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ग्रेट आब्‍जर्वेटरीज प्रोग्राम का एक हिस्सा है। यह चार अंतरिक्ष आधारित वेधशालाओं का एक समूह है। इसकी प्रत्येक वेधशाला एक अलग तरह के प्रकाश में ब्रह्मांड पर नजर रखती है।
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