समय के साथ थोड़ा कम हो जाता है फाइजर वैक्सीन का प्रभाव, लेकिन वायरस के खिलाफ देती है मजबूत सुरक्षा

नवीनतम अध्ययन में आया सामने। फिर भी कोरोना वायरस के खिलाफ फाइजर की वैक्सीन देती है मजबूत सुरक्षा। अध्ययन के मुताबिक छह महीने बाद प्रभाव घटकर 83.7 फीसद पर आ गया। लेकिन गिरावट के बावजूद फाइजर वैक्सीन असरदार।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:20 AM (IST)
समय के साथ थोड़ा कम हो जाता है फाइजर वैक्सीन का प्रभाव, लेकिन वायरस के खिलाफ देती है मजबूत सुरक्षा
फाइजर वैक्सीन को लेकर सामने आया नया शोध।(फोटो: दैनिक जागरण)

न्यूयार्क, NYT। फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना रोधी वैक्सीन का प्रभाव समय के साथ थोड़ा कम हो जाता है। हालांकि, कंपनियों की तरफ से जारी नवीनतम डाटा के मुताबिक प्रभाव कम होने के बावजूद वैक्सीन संक्रमण के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देती है और उसे गंभीर होने से रोकती है। अध्ययन में पाया गया कि पहले दो महीने के लिए कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन का प्रभाव 96 फीसद बना रहा। उसके बाद हर दो महीने में इसमें छह फीसद की गिरावट देखी गई और छह महीने बाद प्रभाव घटकर 83.7 फीसद पर आ गया। गंभीर संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन को 97 फीसद प्रभावी पाया गया। अभी यह अध्ययन का किसी साइंस जर्नल में प्रकाशन नहीं हुआ है, बुधवार को उसे आनलाइन पोस्ट किया गया। आंकड़ों के मुताबिक गिरावट के बावजूद वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करती है।

हालांकि, अध्ययन में सवाल भी उठाया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज कितना सुरक्षा प्रदान करती है, इसके बारे में आने वाले महीनों में पता चल सकेगा। साथ ही कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को लेकर भी चिंता जताई गई है जो वैक्सीन के प्रभाव को कम करता है। इस अध्ययन के बाद डेल्टा वैरिएंट सामने आया है। पिछले साल जुलाई में छह देशों में 42 हजार वालंटियर्स पर यह अध्ययन शुरू किया गया था। क्लीनिकल ट्रायल में शामिल इन वालंटियर्स में से आधे को वैक्सीन और आधे को प्लेसेबो लगाया गया था। दोनों समूहों को तीन हफ्ते के अंतराल पर दोनों डोज दी गई। प्लेसेबो में असली वैक्सीन नहीं दी जाती है, लेकिन उसके बारे में वैक्सीन लेने वालों को कुछ नहीं बताया जाता है।

फाइजर को वैक्सीन की बिक्री में 29 फीसद वृद्धि का अनुमान

समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक फाइजर को अनुमान है कि 2021 में उसकी कोरोना वैक्सीन की बिक्री में 29 फीसद की वृद्धि होगी और यह 33.5 अरब डालर (2.47 लाख करोड़) तक पहुंच जाएगी। अमेरिकी कंपनी फाइजर ने जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर कोरोना रोधी वैक्सीन विकसित की है।

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