India-US Relation : भारत के साथ रिश्तों में डैमेज कंट्रोल में जुटा अमेरिका, सातवें बेड़े की हरकत से तल्ख हुए संबंध, जानें पूरा मामला
अमेरिका के सातवें बेड़े का जहाज भारत की इजाजत के बिना विशिष्ट आर्थिक जोन में प्रवेश के बाद दोनों देशों के बीच तल्ख हुए थे रिश्ते। अब अमेरिका डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है। भारत के पक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता भी आगे आए हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अमेरिका के थिंक टैंक का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में अमेरिका के सातवें बेड़े का जहाज भारत की इजाजत के बिना विशिष्ट आर्थिक जोन में प्रवेश कर गया था। भारत ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया था। भारत ने अमेरिकी नौसेना से अपनी सख्त आपत्ति दर्ज की थी। भारत को इससे ज्यादा हैरानी अमेरिकी जवाब से हुआ था। अमेरिका के इस बयान के बाद यह सवाल उठा था कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंध होने के बाद अमेरिका ने ऐसी हरकत क्यों की। प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिकी थिंक टैंक के इस बयान के बाद अमेरिका डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है। भारत के पक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता भी आगे आए हैं।
भारत की आपत्ति पर अमेरिका का जवाब
भारत की इस आपत्ति पर अमेरिका ने बेहद रुखा उत्तर दिया था। अमेरिका का कहना है कि उसके सातवें बेड़े की कार्रवाई अंतराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है। अमेरिकी सेना का कहना है कि अमेरिकी नौसेना हर दिन हिंद महासागर क्षेत्र में काम करती है। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, अमेरिकी नौसेना को जहां जाने की अनुमति होगी, वहां अमेरिका उड़ान भरेगा और जहाज लेकर जाएगा। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि भारत का दावा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत असंगत है। बयान में आगे कहा है कि उन्होंने इस तरह का अभ्यास पहले भी किया है और भविष्य में करते रहेंगे। फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन न तो एक एक देश के बारे में हैं और न ही राजनीतिक बयान देने के बारे में।
अमेरिकी लॉबी भारत के पक्ष में उतरी
प्रो. पंत ने कहा कि निश्चित रूप से अमेरिका के इस कदम से भारत आहत हुआ होगा। यही कारण है कि भारत के पक्ष में अमेरिका में एक मजबूत लॉबी बाइडन प्रशासन पर दवाब बनाने में जुट गई है। यह लॉबी बाइडन प्रशासन पर यह दबाव बना रहा है कि भारत से किसी भी हाल में प्रगाढ़ संबंध बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि थिंक टैंक का यह बयान इस नजरिए से भी देखा जा सकता है। खासकर अमेरिकी सातवें बेड़े की इस हरकत के बाद भारत के साथ उसके संबंधों में तनाव उत्पन्न होने के खतरे उत्पन्न हो गए थे।
थिंक टैंक और रिपब्लिकन सांसद ने भारत का पक्ष लिया
भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आपत्ति दर्ज कराई
शनिवार को अमेरिका के सातवें बेड़े में शामिल नौसैनिक जहाज जॉन पॉल जोन्स ने भारत के लक्ष्यद्वीप समूह के नजदीक 130 समुद्री मील पश्विम में भारत के विशिष्ट आर्थिक जोन में अपने एक अभियान को अंजाम दिया है। खास बात यह है कि ऐसा करते समय अमेरिकी नौसेना ने भारत से इसकी इजाजत नहीं ली। इस पर भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। आखिर अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े की क्या खासियत है। भारत ने किस अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। शीत युद्ध के दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इस बेड़े का नाम आया था। इस युद्ध में पूर्व सोवियत संघ भारत के साथ खड़ा था और अमेरिका ने भारत के खिलाफ अपने सातवें बेड़े की धौंस दिखाई थी। एक बार फिर यह सातवां बेड़ा भारतीय परिपेक्ष्य के चलते सुर्खियों में आया है।