सीरिया हवाई हमले पर व्हाइट हाउस का बयान, राष्ट्रपति ने अमेरिकी ठिकानों की सुरक्षा के लिए उठाया कदम

जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद यह सेना द्वारा किया पहला हवाई हमला है। बाइडन का सीरिया में हमले का यह कदम क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को बढ़ाने का नहीं बल्कि इराक में अमेरिकी सैनिकों की रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:07 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:07 AM (IST)
सीरिया हवाई हमले पर व्हाइट हाउस का बयान, राष्ट्रपति ने अमेरिकी ठिकानों की सुरक्षा के लिए उठाया कदम
व्हाइट हाउस का कहना है कि सीरिया में हवाई हमले अमेरिकी लोगों की रक्षा किया गया है।

वाशिंगटन, पीटीआइ। राष्ट्रपति जो बाइडन की मंजूरी के बाद अमेरिका ने सीरिया स्थित ईरान समर्थित मिलिशिया के ठिकानों पर हवाई हमले को अंजाम दिया। व्हाइट हाउस ने कहा है कि सीरिया में हवाई हमले के जरिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी सैनिकों और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा की है। इन हवाई हमलों में एक आतंकवादी मारा गया है वहीं कई अन्य के घायल होने की खबर है। अमेरिका द्वारा की गई एयर स्ट्राइक की सीरिया ने कड़ी निंदा की है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि वह अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि इराक में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए रॉकेट हमलों के जवाब में यह एयर स्ट्राइक की गई है। 15 फरवरी को हुए इन हमलों की इराक सरकार जांच कर रही है। इसमें कई अमेरिकी सैनिक घायल हुए थे।

सूत्रों के मुताबिक बाइडन ने सिर्फ सीरिया स्थित ठिकानों पर ही हमले का आदेश दिया था। अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर गुरुवार शाम पूर्वी सीरिया स्थित ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा उपयोग किए जाने बुनियादी ढांचों पर हवाई हमले किए गए। हमले में कताएब हिजबुल्लाह और कताएब अल-शुदा के ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। राष्ट्रपति अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

वहीं, एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि एयर स्ट्राइक का मकसद सिर्फ यह बताना था कि अमेरिका सिर्फ मिलिशिया को दंडित करना चाहता है और उसका विवाद बढ़ाने का कतई इरादा नहीं है। अधिकारी ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रपति के पास बहुत से विकल्प थे और उन्होंने सीमित एयरस्ट्राइक को चुना।

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