पानी बनाने की फैक्ट्री है चांद की सतह, मानव बस्ती बसने की दिखी नई किरण

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि चांद की सतह एक केमिकल फैक्ट्री की तरह काम करती है जहां पानी बनाने के लिए जरूरी घटकों का निर्माण होता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 05:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 05:58 PM (IST)
पानी बनाने की फैक्ट्री है चांद की सतह, मानव बस्ती बसने की दिखी नई किरण
पानी बनाने की फैक्ट्री है चांद की सतह, मानव बस्ती बसने की दिखी नई किरण

वाशिंगटन, प्रेट्र। चांद पर मानव बस्ती बसाने की कोशिश में लगे वैज्ञानिकों को उम्मीद की नई किरण दिखी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि चांद की सतह एक केमिकल फैक्ट्री की तरह काम करती है, जहां पानी बनाने के लिए जरूरी घटकों का निर्माण होता है। चांद की यह खूबी वहां मानव बस्ती बसाने में मददगार हो सकती है।

चांद की मिट्टी और सौर वायु के टकराव से होता है हाइड्रोजन का निर्माण

एक कंप्यूटर प्रोग्राम की मदद से वैज्ञानिकों ने चांद की सतह पर एक रासायनिक प्रक्रिया का पता लगाया है। चांद की सतह से सौर वायु के टकराने पर यह क्रिया होती है। जेजीआर प्लेनेट्स जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, जब 450 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से सौर वायु कहे जाने वाले आवेशित कण चांद की सतह से टकराते हैं, तो वहां बड़ी मात्रा में ऐसे तत्व बनते हैं, जिनसे पानी बनाया जा सकता है।

कैसे होती है प्रक्रिया?

वैज्ञानिकों ने बताया कि सौर वायु में प्रोटॉन होते हैं। ये प्रोटॉन चांद की सतह पर पहुंचकर वहां उपस्थित इलेक्ट्रॉन से क्रिया करते हैं और हाइड्रोजन का निर्माण करते हैं। इसके बाद यह हाइड्रोजन परमाणु वहां की मिट्टी व सिलिका में मौजूद ऑक्सीजन से क्रिया करता है।

नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक विलियम एम. फेरेल ने कहा, 'यह पूरी प्रक्रिया किसी केमिकल फैक्ट्री जैसी होती है। हमें लगता है कि पानी विशेष और जादुई तत्व है, लेकिन सच यह है कि हर चट्टान में पानी बनाने की क्षमता होती है। विशेषरूप से अगर उस चट्टान से सौर वायु टकराती हो।'

वैज्ञानिकों ने बताया कि चांद की सतह पर बना हाइड्रोजन का परमाणु वहां की सिलिका में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके हाइड्रोक्सिल अणु का निर्माण करता है। इसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के एक-एक परमाणु होते हैं। यह अणु पानी का ही एक घटक है।

अहम साबित हो सकती है जानकारी

वैज्ञानिक ओरेंथल जेम्स टकर ने कहा, 'चांद पर पानी या पानी के घटकों की मात्रा की जानकारी नासा के लिए अहम है। चांद पर मानव बस्ती बनाने के अभियान में इसकी बड़ी भूमिका रहेगी।' कई अंतरिक्ष यानों ने इन्फ्रारेड उपकरणों के जरिये चांद की सतह के अध्ययन का प्रयास किया है। इन सभी अध्ययनों में चांद पर पानी या पानी के घटकों (हाइड्रोजन या हाइड्रोक्सिल) की उपस्थिति के प्रमाण मिले हैं।

एक सिद्धांत यह भी है कि किसी उल्का के टकराने से चांद पर यह रासायनिक क्रिया शुरू हुई होगी, लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिक इस बात पर एकमत हैं कि इस क्रिया के शुरुआत की अहम कारक सौर वायु ही है। चांद पर हाइड्रोजन परमाणुओं के जीवनचक्र को लेकर टकर द्वारा तैयार किया गया प्रारूप सौर वायु वाले सिद्धांत को ही मजबूती देता है।

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