कोविड परीक्षण के लिए अधिक प्रभावी हो सकता है लार का नमूना, इसके जरिये ज्यादा लोगों की हो सकती है जांच

यह अध्ययन मोलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के लिए अस्पताल और नर्सिग होम के अलावा परीक्षण स्थल से भी नमूने लिए गए। पहले चरण (प्रोटोकाल यू) में एनपीएस और लार के नमूनों से जांच की गई। दूसरे चरण में (सैलिवा आल) 189 जोड़ों की जांच की गई।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:46 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:46 PM (IST)
कोविड परीक्षण के लिए अधिक प्रभावी हो सकता है लार का नमूना, इसके जरिये ज्यादा लोगों की हो सकती है जांच
इसने संग्रह प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जोखिम को कम किया है

न्यूयार्क, आइएएनएस। लार के नमूनों से जांच करने पर कोरोना का पता लगाने की दर में सुधार हो सकता है। इससे नाक के जरिये किए जाने वाले परीक्षण की चुनौतियों को खत्म किया जा सकता है और बड़े पैमाने पर निगरानी की सुविधा हो सकती है।

अमेरिका के आगस्टा विश्वविद्यालय के रवींद्र कोल्हे सहित अन्य शोधकर्ताओं ने पाया कि लार के नमूनों से की जाने वाली जांच उच्च संवेदनशीलता में परिणाम देती है। प्रमुख शोधकर्ता कोल्हे ने कहा, कोरोना परीक्षण के लिए लार के नमूने का उपयोग करना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि है। इसने संग्रह प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जोखिम को कम किया है। इसके साथ ही इसके जरिये ज्यादा लोगों की जांच की जा सकती है।

यह अध्ययन मोलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के लिए अस्पताल और नर्सिग होम के अलावा परीक्षण स्थल से भी नमूने लिए गए। पहले चरण (प्रोटोकाल यू) में एनपीएस और लार के नमूनों से जांच की गई। दूसरे चरण में (सैलिवा आल) 189 जोड़ों की जांच की गई। यह निर्धारित करने के लिए कि क्या बीड होमोजेनाइजेशन एनपीएस नमूनों में संवेदनशीलता को प्रभावित करेगा, प्रोटोकाल यू और सैलिवा आल दोनों के नमूनों को लेकर एक अतिरिक्त अध्ययन किया गया।

अंत में पांच-नमूनों का मूल्यांकन किया गया। सार्स-सीओवी-2 आरटी-पीसीआर जांच से पहले 20 नमूनों की जांच की गई। इसमें चार पाजिटिव और एक निगेटिव नमूना था। 85 लार के नमूनों को दोनों तरह से जांचा गया। सैलिवा आल से पता लगाने की दर 100 फीसद और प्रोटोकाल यू से 36.7 फीसद थी।

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