आखिर क्यों तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के वैरिएंट, अमेरिका में हुई रिसर्च में किया गया खुलासा

अमेरिका में हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि कैसे कोरोना वायरस का वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। हालांकि इस शोध में बताया गय़ा है कि तेजी से फैलने वाले इस कोरोना वैरिएंट से संक्रमित लोगों में वायरल लोग बढ़ा हुआ नहीं दिखा है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:07 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:07 AM (IST)
आखिर क्यों तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के वैरिएंट, अमेरिका में हुई रिसर्च में किया गया खुलासा
कोरोना के वैरिएंट को लेकर नया दावा।(फोटो: दैनिक जागरण)

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका में हुई रिसर्च में कोरोना वैरिएंट को लेकर एक दावा किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे लोगों में कोरोना वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। हालांकि, राहत की बात है कि लोगों में कोरोना वायरस का लोड पहले की तुलना में ज्यादा नहीं मिला है। हाल ही में जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस के दो वैरिएंट तेजी से फैल रहे हैं, लेकिन इन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में अधिक वायरल लोड(वायरस की शरीर में संख्या) नहीं मिला है। रिसर्च में कहा गया है कि SARS-CoV-2 जो वायरस COVID-19 का कारण बनता है, उसका तेजी से फैलना एक चिंता का विषय बनता जा रहा है।

शोधकर्ताओं ने कोरोना वैरिएंट B.1.1.7 की जांच की, जो पहले यूके में पहचाना गया था। इसके साथ ही B.1.351, जो पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था। यह मूल्यांकन करने के लिए कि क्या मरीजों में इन वैरिएंट की वजह से वायरल लोड बढ़ा और इसके साथ संक्रमण भी। इस रिसर्च में संपूर्ण-जीनोम अनुक्रमण का उपयोग करके वैरिएंट की पहचान की गई। शोधकर्ताओं ने नमूनों के एक बड़े समूह का उपयोग यह दिखाने के लिए किया कि यूके वैरिएंट अप्रैल 2021 तक तेजी से फैलने वाले वायरस का 75 प्रतिशत हिस्सा था। शोधकर्ताओं ने 134 प्रकार के नमूनों की तुलना 126 नियंत्रण नमूनों से की और इसके साथ शोध के नतीजे निकाले।

वायरल लोड को निर्धारित करने के लिए सभी नमूनों का अतिरिक्त परीक्षण किया गया। लक्षणों की शुरुआत के बाद के दिनों को देखकर जानकारी रोग के चरण से जुड़ी हुई थी, जिसने समूहों के बीच वायरल शेडिंग की तुलना में स्पष्टता को जोड़ा। अध्ययन के प्रमुख लेखक अदनया अमादी ने कहा कि इन वैरिएंट के तेजी से फैलने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, हमारे निष्कर्षों से पता चला है कि इन वैरिएंट से संक्रमित रोगियों में नियंत्रण समूह की तुलना में गंभीर संक्रमित होने की संभावना कम होती है। हालांकि वैरिएंट से संक्रमित लोगों को मृत्यु या गहन देखभाल में प्रवेश के लिए उच्च जोखिम नहीं था, लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक थी।

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