विमानों और रॉकेट को गर्मी से बचाएगी लाइटवेट हीट शील्ड, त्वचा की तरह करेगी सुरक्षा

lightweight heat shield शोधकर्ता ने एक ऐसा लाइट वेट हीट शील्ड का डिजाइन तैयार किया है जो बहुत पतला है और मशीनों व विमानों को गर्मी से बचाने में समक्ष है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 08:11 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 08:14 AM (IST)
विमानों और रॉकेट को गर्मी से बचाएगी लाइटवेट हीट शील्ड, त्वचा की तरह करेगी सुरक्षा
विमानों और रॉकेट को गर्मी से बचाएगी लाइटवेट हीट शील्ड, त्वचा की तरह करेगी सुरक्षा

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। उपग्रहों, रॉकेटों और जेट विमानों के निर्माण के लिए एयरोस्पेस के वैज्ञानिकों की कार्बन फाइबर पर निर्भरता बढ़ रही है, लेकिन इस सामग्री की लाइफ (जीवन) सीमित होती है और यह लंबे समय तक तेज गर्मी को भी सहन नहीं कर पाती। इस समस्या से पार पाने के लिए शोधकर्ताओं ने नया तरीका खोज निकाला है। शोधकर्ता ने एक ‘हीट शील्ड’ का डिजाइन तैयार किया है जो बहुत पतला है और मशीनों व विमानों को गर्मी से बचाने में समक्ष है।

हीट शील्ड के एक ऐसी सामग्री है जो किसी ऑब्जेक्ट को गर्मी के प्रभाव से बचाती है। एयरोस्पेस की दुनिया में आमतौर पर विमानों, रॉकेटों को गर्मी से बचाने के लिए मोटी ‘हीट शील्ड’ का उपयोग किया जाता है। अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रिचर्ड लियांग ने कहा, ‘हमारे फ्लाइट सिस्टम में दिन-ब-दिन निखार आ रहा है। अब हम हाइपरसोनिक सिस्टम में भी प्रवेश कर जाते हैं तो भी हम पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। यह एक ऐसा सिस्टम होता है जिसकी गति ध्वनि से पांच गुना ज्यादा होती है।’

उन्होंने कहा, ‘ऊंचाई में जब आपकी गति बहुत तेज होती है तो सतह पर गर्मी भी बहुत होती है। इसलिए हमें एक बेहतर थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम की आवश्यकता महसूस हुई और हमने उसका डिजाइन तैयार कर लिया है।’ ‘हीट शील्ड’ तैयार करने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने कार्बन नैनोट्यूब का इस्तेमाल किया। कार्बन नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के बताया गया है कि इन नैनोट्यूब की शीट्स (चादरों) को ‘बुकीपेपर’ के रूप में भी जाना जाता है।

इसमें गर्मी और बिजली का संचालन करने की अविश्वसनीय क्षमता होती है। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘फिनोल नामक यौगिक से एक हल्की और लचीली सामग्री बनाई जा सकती है, जो विमानों और रॉकेट को उड़ान भरने के दौरान उनके आवरण को गर्मी से होने वाले नुकसान से बचाता है।’ शोधकर्ता अयु हाओ ने कहा, ‘हमारी टीम ने एक ऐसी सामग्री तैयार की है जो एक त्वचा की तरह विमानों को रक्षा करेगी।’ 

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