करीब साढ़े छह घंटे की स्‍पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS पर लगाया सोलर पैनल, जानें- और कुछ खास

नासा और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्रियों ने मिलकर आईएसएस को ऊर्जा प्रदान करने वाले iROSA को सफलतापूर्वक लगा दिया है। इस काम को अमेरिका के शेन किम्‍ब्रो और ईएसए के थॉमस पेस्‍कर ने मिलकर पूरा किया है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:11 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:11 PM (IST)
करीब साढ़े छह घंटे की स्‍पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS पर लगाया सोलर पैनल, जानें- और कुछ खास
अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस पर लगाया सोलर पैनल

वाशिंगटन (नासा)। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्रियों ने मिलकर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन पर आखिरकार सोलर पैनल लगा दिया है। इसको लगाने के लिए वैज्ञानिकों को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी है। ये इस वर्ष का आठवीं स्‍पेस वॉक थी। करीब साढ़े दह घंटों की मशक्‍कत के बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों को इसे लगाने में सफलता हासिल हुई है। इस काम को अमेरिका के शेन किम्‍ब्रो और ईएसए के थॉमस पेस्‍कर ने मिलकर पूरा किया है। सभी के लिए काफी बड़ा टास्‍क था, जिसको पूरा करने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है।

आपको बता दें कि धरती के ऊपर चक्‍कर काट रहे अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन को सूर्य की रोशनी से ही ऊर्जा मिलती है। इसमें मौजूद सभी उपकरण भी सौर ऊर्जा से ही संचालित होते हैं। इस स्‍पेस स्‍टेशन में करीब आठ सोलर पैनल लगे हैं जिनसे इसकी जरूरत की ऊर्जा इसे मिल पाती है। किम्‍ब्रो और पेस्‍कर ने जब मिलकर इस सोलर पैनल को लगाकर इसके बोल्‍ट कसे और केबल वायर जोड़ी तो कंट्रोल रूम में भी इसकी खुशी साफ तौर पर देखी गई। अब 25 जून को निर्धारित अगली स्‍पेस वॉक में वैज्ञानिक दूसरे पैनल को अपग्रेड करने का काम करेंगे। नासा के मुताबिक वैज्ञानिकों ने अब जो पैनल लगाया है वो अकेला ही इस स्‍पेस स्‍टेशन को ऊर्जा देने के लिए काफी है।

नासा के मुताबिक किम्‍ब्रो अब तक आठ और पेस्‍कर अब तक चार बार स्‍पेस वॉक कर चुके हैं। किम्‍ब्रो ने जहां 52 घंटे 43 मिनट का समय स्‍पेस वॉक के दौरान बिताया है वहीं पेस्‍कर ने 26 घंटे 15 मिनट का समय इस तरह से बिताया है। स्‍पेस स्‍टेशन के जरूरी काम को अंजाम देने के लिए अंतरिक्ष यात्री अब तक करीब 240 बार स्‍पेस वॉक कर चुके हैं। इनके यदि पूरे वक्‍त की गणना की जाए तो ये करीब 63 दिन और 56 मिनट होती है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नवंबर 2020 में ये अंतरिक्ष स्‍पेस स्‍टेशन दो दशक पूरे कर चुका है जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस दौरान 19 देशों के 244 अंतरिक्ष यात्री यहां पर आए हैं। इन्‍होंने 108 देशों द्वारा किए गए करीब 3000 रिसर्च का काम किया है।

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