SAARC विदेश मंत्रियों की बैठक रद, तालिबान को शामिल करने की मांग पर पाकिस्तान ने खड़ा किया विवाद
SAARC Meeting Cancelled तालिबान को शामिल करने की पाकिस्तान की जिद के कारण आज सार्क के विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक को ही रद कर दिया गया। इसे लेकर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है।
न्यूयार्क, एएनआइ। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के विदेश मंत्रियों की बैठक रद हो गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें उच्च स्तरीय सत्र से इतर यह बैठक 25 सितंबर को होने वाली थी। सूत्रों ने यह जानकारी मंगलवार को दी। पिछले साल सार्क की वर्चुअल बैठक हुई थी। आमतौर पर यूएनजीए की सालाना बैठक के दौरान ही अलग से सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होती है।
यदि इस बैठक का आयोजन होता तो भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों का आमना-सामना होता। एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सार्क सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि आज की स्थिति में सभी सदस्य देशों के बीच सहमति की कमी की वजह से बैठक को रद किया गया है।
तालिबान को समर्थन देते हुए पाकिस्तान ने इस सप्ताह वैश्विक मंच पर खुद को अलग-थलग कर लिया। समूह द्वारा सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की शनिवार की बैठक में तालिबान को एक सीट देने की अनुमति को नकार दिया गया। कहा गया कि सार्क सदस्य पाकिस्तान के अनुरोध पर आम सहमति तक नहीं पहुंच सके और तालिबान को गारंटी नहीं दे सके कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर होने वाली बैठक में शामिल हो सकता है। नतीजतन, आठ दक्षिण एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक रद कर दी गई।
हालांकि, अधिकारी की तरफ से इन मामलों पर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई, लेकिन कहा गया कि बैठक को लेकर सबसे बड़ी दुविधा यह थी कि अफगानिस्तान की तरफ से इसमें कौन शामिल होगा। अभी अफगानिस्तान का कार्यवाहक विदेश मंत्री आमीर खान मुत्तकी है और उसके बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं थी। अफगानिस्तान की सत्ता पर जबरिया कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने मुत्तकी को कार्यवाहक विदेश मंत्री बनाया है। तालिबान की सरकार को किसी देश से मान्यता नहीं मिली है। उसमें शामिल कई मंत्री संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित हैं।
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफितखार अहमद ने सार्क बैठक रद होने की वजह पाकिस्तान को बताए जाने का पूरी तरह खंडन किया है। उन्होंने इस तरह की बातों को आधारहीन करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र आमसभा के साथ ही SAARC की मीटिंग का भी था प्लान
संयुक्त राष्ट्र आमसभा के 76वें सत्र के साथ साथ इस बैठक के लिए भी शनिवार, 25 सितंबर को निर्धारित किया गया था जो अब रद कर दिया गया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी कर बताया कि सभी सदस्य देशों से सहमति की कमी के कारण बैठक रद कर दी गई है।
आठ देशों का समूह है SAARC
दक्षिण एशिया के आठ देशों के संगठन SAARC का पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन है। 8 दिसंबर 1985 को गठित इस समूह का मकसद दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से शांति और प्रगति हासिल करना है। अफगानिस्तान इस समूह का सबसे नया सदस्य है। इसके अलावा समूह के सात देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव हैं।